चंदौली में बनी पाइप, पीपी बैग की स्पेन और फ्रांस में मांग, रामनगर औद्योगिक क्षेत्र की छह कंपनियां भेज रहीं माल
रामनगर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में तैयार लोहे की पाइप में जाली बनाने वाली मशीन पीपी बैग व केमिकल की यूरोपीय देशों व अमेरिका में खूब मांग है।
चंदौली [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना महामारी के दौर में भी उद्योग और व्यापार मंदा नहीं है। जिले के रामनगर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में तैयार लोहे की पाइप में जाली बनाने वाली मशीन, पीपी बैग व केमिकल की यूरोपीय देशों व अमेरिका में खूब मांग है। आस्ट्रिया, स्पेन, फ्रांस, पुर्तगाल, मलेशिया, सिंगापुर व इजराइल आदि देशों में उद्यमी निर्यात कर जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। सालाना करीब 150 करोड़ रुपये का निर्यात हो रहा है। यहां की छह कंपनियां आपूर्ति कर रही हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में पीपी बैग की अधिक डिमांड
यहां बनने वाली पीपी बैग (प्लास्टिक बैग) की संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक डिमांड है। तीन कंपनियां अमेरिका व विभिन्न यूरोपीय देशों में पीपी बैग का निर्यात कर रही हैं। अन्य कंपनियां केमिकल व लोहे की पाइप में जाली बनाने वाली मशीनों की सप्लाई करती हैं।
ये कंपनियां विदेश में बेच रही माल
पीपी बैग बनाने वाले आरएस पॉलिटिक्स संयुक्त राज्य अमेरिका में सालाना 50 करोड़ का निर्यात करती है। इसके अलावा मिथिला प्लाइवुड 28 करोड़, जेजे प्लास्टो 31 करोड़ का माल बेचती है। जबकि पेंट में इस्तेमाल होने वाला केमिकल बनाने वाली कंपनी जीआरएम सेल्यूलोज 36 लाख, पंखा बनाने वाली यूपी नेशनल तीन करोड़ व लोहे की पाइप में जाली बनाने वाली मशीन की कंपनी प्रकाश आयरन वक्र्स का सालाना निर्यात करीब 10 करोड़ रुपये तक का है।
पांच ब्लेडवाले पंखों के मुरीद विदेशी
यूपी नेशनल कंपनी चार-पांच ब्लेड वाले खास पंखे तैयार करती है। विशेष डिजाइन के चलते विदेशी खरीदार इससे मुरीद हैं। इसकी कीमत बाजार में 10 से 15 हजार रुपये तक है।
सालाना करीब 150 करोड़ का निर्यात होता है
रामनगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित छह कंपनियां विदेश में अपने उत्पाद का निर्यात करती हैं। सालाना करीब 150 करोड़ का निर्यात होता है। इसे बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों की हरसंभव मदद की जा रही है।
- गौरव मिश्र, उपायुक्त, उद्योग।