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वाराणसी में बिना नक्शा पास पेट्रोल पंप उगल रहे तेल, दो माह के कंडीशनल एनओसी से कई वर्षों तक खेल

वाराणसी में 80 फीसद से ज्यादा पेट्रोल पंप वीडीए के कंडीशनल एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) पर संचालित हो रहे हैं। सच्चाई यह है कि वीडीए से मात्र सात पेट्रोल पंप संचालकों ने नक्शा पास करा रखे हैं। कार्यालय में कई के रिकार्ड भी दुरुस्त नहीं है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 07:50 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 07:50 AM (IST)
वाराणसी में बिना नक्शा पास पेट्रोल पंप उगल रहे तेल, दो माह के कंडीशनल एनओसी से कई वर्षों तक खेल
वाराणसी में 80 फीसद से ज्यादा पेट्रोल पंप वीडीए के कंडीशनल एनओसी पर संचालित हो रहे हैं।

वाराणसी, जेपी पांडेय। जिले में ज्यादातर पेट्रोल पंप संचालक विकास प्राधिकरण समेत कई विभागों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। बिना नक्शा पास कराए पेट्रोल पंप संचालित कर रहे हैं और वीडीए उन्हें नोटिस तक जारी नहीं कर रहा है। 80 फीसद से ज्यादा पेट्रोल पंप वीडीए के कंडीशनल एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) पर संचालित हो रहे हैं। सच्चाई यह है कि वीडीए से मात्र सात पेट्रोल पंप संचालकों ने नक्शा पास करा रखे हैं। कार्यालय में कई के रिकार्ड भी दुरुस्त नहीं है। संचालकों ने मनमाने तरीके से मौके पर निर्माण या कई बदलाव तक कर लिए हैं। वहीं, वीडीए 500 से 1000 वर्गफीट में निर्माण करने वालों को नोटिस थमाकर वाहवाही लूट रहा है। उनके खिलाफ ध्वस्तीकरण का आदेश तक जारी कर दिया है। वीडीएकर्मी गुली-मुहल्ले में अवैध निर्माण रोकने पहुंच जाते हैं, लेकिन लबे सड़क अवैध तरीके से संचालित पेट्रोल पंप दिखाई नहीं पड़ रहा है।

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पेट्रोल पंप संचालित करने से पहले संचालक को कई विभागों से एनओसी लेनी पड़ती है। एनओसी के साथ आवेदक को इस बात का शपथ पत्र देना पड़ता है कि उसने किसी बात या तथ्य को छिपाया नहीं है। जमीन का दस्तावेज, सभी विभागों की एनओसी और जिला प्रशासन की सहमति पर पेट्रोलियम कंपनी लाइसेंस देती है। शर्त यह भी होता है कि आवेदक द्वारा कोई तथ्य छिपाने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। पेट्रोल पंपों का नक्शा पास नहीं होने के बाद भी पेट्रोलियम कंपनी शांत क्यों बैठी है यह समझे से परे है।

इन विभागों को लेनी पड़ती है एनओसी

जिला प्रशासन, तहसील, अग्निशमन, एआइयू, पुलिस, बिजली, जिलापूर्ति, वीडीए, लोक निर्माण विभाग।

आवेदन करके भूल गए या किए नहीं

वीडीए पेट्रोल पंप संचालकों को इस शर्त पर कंडीशनल एनओसी देता है कि एक-दो माह के अंदर नक्शा पास करा लेंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं है। दो माह में वीडीए की जांच में तीन पेट्रोल पंप संचालक ऐसे मिले हैं जो आवेदन करके भूल गए हैं। तीनों पेट्रोल पंप संचालकों को विकास शुल्क जमा करने के साथ नक्शा पास कराने को कहा है।

वीडीए सीमा 70 फीसद, चंदौली का 30 फीसद

वीडीए की सीमा बाबतपुर एयरपोर्ट, चोलापुर, चौबेपुर और मोहनसराय तथा चंदौली जिले में अलीनगर तक है। बनारस में वीडीए सीमा के अंदर विभाग एनओसी देता है। जिले का 70 फीसद क्षेत्र वीडीए में है। इसी प्रकार चंदौली का 30 फीसद क्षेत्र भी वीडीए की सीमा में है। इस क्षेत्र में 30 से अधिक पेट्रोल पंप है।

ये पेट्रोल पंप हैं संंचालित

भारत पेट्रोलियम : 38

इंडियन आयल : 102

हिंदुस्तान पेट्रोलियम : 24

रिलायंस पेट्रोलियम : 4

एसआर पेट्रोलियम : 3

सीएनजी : 10

फर्जी वसीयत पर लिया एनओसी

कमच्छा स्थित भिनगाराज अनाथालय ट्रस्ट पर तथ्यों को छिपाकर पेट्रोल पंप के लिए एनओसी लेने पर जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया। जिला प्रशासन ने वीडीए से पेट्रोल पंप के नक्शा पास होने के बारे में पूछा तो मालूम चला कि संचालक 11 साल से कंडीशनल एनओसी पर चल रहा है। वीडीए के अभियंता और कर्मचारी फाइल को दबाए रहे। जांच में मामला उजागर होने पर तत्कालीन व सेवानिवृत्त सिटी मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश ङ्क्षसह ने वीडीए सचिव को पत्र लिखकर एनओसी निरस्त करने को कहा है, लेकिन क्या कार्रवाई हुई मालूम नहीं।

दो माह में नहीं हुआ सत्यापन

पिछले दिनों नक्शा प्रभारी ने सभी जोनल अधिकारियों को पत्र जारी कर 27 पेट्रोल पंपों के पास नक्शे का सत्यापन करने को कहा था। दो माह बीतने के बाद भी किसी जोनल अधिकारी और जेई ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी।

सारनाथ-मुनारी मार्ग के नई बाजार दामोदरपुर स्थित पेट्रोल पंप का नक्शा पास नहीं है। कंडीशनल एनओसी पर पेट्रोल पंप संचालित हो रहा है। आशापुर-पांडेयपुर स्थित दो पेट्रोल पंप के भी नक्शा पास नहीं हैं। यह तो एक नजीर है।

एनओसी के नाम पर लेते हैं मोटी रकम

वीडीए में कोई नक्शा पास कराने पर अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक नियम कानून का पाठ पढ़ाने लगते हैं। मगर पेट्रोल पंप संचालकों को कंडीशनल एनओसी जारी कर देते हैं। एनओसी देने के नाम पर वीडीए के अधिकारी मोटी रकम लेते हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है।

ये उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

गिरजाघर चौराहा पर एक पंप संचालक नियमों की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहा है। यहां करीब 500 वर्ग फीट जमीन में पंप संचालित हो रहा है। मैदागिन चौराहा पर मानक के विपरीत पेट्रोल पंप चल रहा है। लहुराबीर-मैदागिन मार्ग पर भी यही हाल। यहां 12 मीटर चौड़ी सड़क नहीं है।

पंप के लिए यह है मानक

- पेट्रोल पंप के लिए 16 मीटर लंबा और 14 मीटर चौड़ा जमीन होना चाहिए।

- छह मीटर होनी चाहिए भवन की ऊंचाई।

- कैनोपी का निर्माण सेट-बैक लाइन के भीतर अस्थाई संरचना के अनुरूप होगा। भूतल से न्यूयनतम ऊंचाई छह मीटर होगी।

-पेट्रोल पंप न्यूनतम 12 मीटर और अधिकतम 24 मीटर चौड़ी सड़क पर होगी।

-वाहन पार्किंग क्षेत्र कम से कम 80 वर्ग मीटर होगा।

- पेट्रोल पंप परिसर से कोई सार्वजनिक सड़क नहीं हो।

- अंदर और बाहर जाने का रास्ता कम से कम नौ मीटर चौड़ा होगा।

- अग्निशमन के सभी संसाधन होंगे।


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