बाजुओं में नहीं दम, फेसबुक पर कर रहे असलहों का प्रदर्शन, धड़ल्ले से फोटो अपलोड कर रहे युवा
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपना भौकाल टाइट करने के लिए युवा आजकल पिस्टल बंदूक से लेकर अन्य हथियारों का खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपना भौकाल टाइट करने के लिए युवा आजकल पिस्टल, बंदूक से लेकर अन्य हथियारों का खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं। बाहुबलियों के साथ चलने वाले तो अक्सर ग्रुप में असलहों का प्रदर्शन करने से भी बाज नहीं आते हैं। फेसबुक पर कई युवा तो ऐसे हैं जिनके बाजुओं में दमखम तो दिख नहीं रहा लेकिन असलहा ऐसे उठाकर दिखा रहे मानो किसी जंग के मैदान में जा रहे हों।
ऐसे ही एक फेसबुक यूजर है सम्राट अमित गुप्ता। खुद को बीएचयू का छात्र बताने वाले अमित ने बीते दिनों दो साल पुरानी अपनी तस्वीर शेयर की जिसमें वह अत्याधुनिक राइफल के साथ दिख रहा है। ऐसे ही एक अन्य फेसबुक यूजर है अंकित जिसने एक अवैध पिस्टल के साथ कारतूस और मैगजीन के साथ फोटो शेयर करते हुए टैग लाइन 'तेरा बाप आया' लिखा है।
हाईस्कूल की पढ़ाई कर रहे एक छात्र के पिता सुरक्षा कारणों से कई असलहाधारियों के साथ चलते हैं। नाबालिग भी अक्सर अपनी तस्वीरें हथियारों के जखीरा के साथ फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करता रहता है। उच्चाधिकारी के यहां कार्यरत कर्मचारी भी कर ले गए अपना शौक पूरा - वाराणसी के एक उच्चाधिकारी के यहां तैनात कर्मचारी भी सोशल मीडिया पर असलहों का प्रदर्शन करने का मोह नहीं छोड़ पाए। साहब की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी की एके-47 उठाई और फोटो खिंचवाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
फेसबुक पर असलहों के प्रदर्शन के साथ ही कारतूस बेचने तक की बात
बीते साल अगस्त में पुलिस के पास फेसबुक पर असलहों के साथ प्रदर्शन करने के साथ ही कारतूस बेचने की बात तक का मामला सामने आया था। पुलिस को की गई शिकायत में लोगों फेसबुक यूजर डबलू पंडित धर्मरक्षक की वाल के कई स्क्रीन शॉट पुलिस को उपलब्ध कराए। वाराणसी का रहने वाला उक्त यूजर असलहों के साथ कारतूस भी खरीदने-बेचने की बात कहता। एसएसपी ने शिकायत को संज्ञान में लेते हुए साइबर सेल को जांच सौंपी थी लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दस साल तक हो सकती है सजा
सोशल मीडिया प्लेटफार्म सार्वजनिक मंच है। ऐसे में यहां पर असलहों के साथ फोटो टैग करना सार्वजनिक प्रदर्शन के दायरे में आता है। ऐसा करने वालों के खिलाफ आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है। इस केस में आरोपित को तीन से 10 साल तक की सजा हो सकती है।