Panchayat Chunav 2021 : वाराणसी में जनता ने पुराने को नकारा, नए प्रत्याशियों पर जताया भरोसा
पंचायत चुनाव में इस बार मतदाताओं ने पुराने साथियों को नकार दिया है। मतदाताओं ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है। यही कारण है कि पंचायत चुनाव में इस बार 40 में से 10 भी जिला पंचायत सदस्य दोबारा निर्वाचित नहीं हुुए।
वाराणसी, जेएनएन। यह पब्लिक है सब जानती है। आप क्षेत्र में क्या में काम करा रहे हैं, क्या नहीं कराएं। आप क्षेत्र में कितना समय देते हैं। अपने क्षेत्र की जनता का कितना ख्याल रखते हैं। फोन जाने पर उपलब्ध रहते या पहुंचते है की नहीं।
इसका हिसाब जनता जरूर लेती है लेकिन प्रत्याशियों को तब समझ में आता है जब वह चुनाव हार जाते है। पंचायत चुनाव में इस बार मतदाताओं ने पुराने साथियों को नकार दिया है। मतदाताओं ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है। यही कारण है कि पंचायत चुनाव में इस बार 40 में से 10 भी जिला पंचायत सदस्य दोबारा निर्वाचित नहीं हुुए।
चुनाव छोटा हो या बड़ा। सभी चुनाव में मतदाता ही प्रत्याशियों को चुनकर दिल्ली से लेकर गांव की सरकार तक भेजते हैं। चुनाव आने के साथ विभिन्न पार्टियों के नेता, प्रत्याशी और उनके समर्थक क्षेत्र में दौड़ने लगते हैं। मतदाताओं से क्षेत्र में विकास के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन जीतने के साथ वह क्षेत्र में दिखाई नहीं पड़ते हैं। मतदाताओं के पूछने पर वे स्पष्ट जवाब तक नहीं देते हैं। वे कुर्सी की धौंस जमाते हैं, कुछ लोग डर के मारे विरोध नहीं कर पाते हैं लेकिन समय का इंतजार करते हैं। वह समय हाेता है चुनाव का।
चुनाव में वोट मांगने के दौरान मतदाता उनसे दूरी बना लेते हैं और उन्हें हराकर नए चेहरे के सामने लाते हैं जिससे क्षेत्र का विकास हो सके। इस बार भी जनता ने ऐसा ही किया है। पुराने चेहरे में सिर्फ सेवापुरी ब्लाक के कांंग्रेस के हर्षवर्धन सिंह की पत्नी स्वाति सिंह, इससे पहले हर्षवर्धन सिंह जिला पंचायत सदस्य थे। इसी ब्लाक में डा. सुजीत सिंह भी दोबारा जीते हैं। पिंडरा ब्लाक से गौतम सिंह जीते हैं, इससे पहले उनकी पत्नी ज्योति सिंह जिला पंचायत सदस्य थीं।