गंगा नदी के इस पुल पर लोग करते हैं आत्महत्या, पीडब्ल्यूडी नहीं लगा सका पुल पर सुरक्षा जाली
पुल पर जाली का काम क्यों रोक दिया गया यह प्रश्न चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना है कि समय पर काम पूरा होता है या घटनाएं बढ़ती रहती हैं।पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार को जल्दी काम पूरा करने की हिदायत दी गई हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है, लेकिन अफसरों की अनदेखी से कई कार्य अधूरे पड़े हैं तो कुछ पर काम ही शुरू नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग की हीलाहवाली से सामनेघाट पुल पर अभी तक जाली नहीं लगाई जा सकी है। इस कारण पुल से कूदकर आत्महत्या करने की घटना बढ़ रही है।
जनवरी माह से लेकर अब तक एक दर्जन लोगों ने इहलीला समाप्त कर दी है जबकि आधा दर्जन लोगों को बचाया जा सका है। पुल पर जाली लगाने की कार्य एमएलसी लक्ष्मण आचार्य व कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव की पहल पर शुरू हुआ था। एक माह में काम को पूरा करना था, लेकिन छह माह बाद भी महज 15 फीसद ही काम हो सका है। इस लापरवाही को लेकर लोगों में आक्रोश है।
गंगा नदी के ऊपर सामनेघाट पुल बनाया गया है। पुल के दोनों तरफ जाली नहीं लगी है। घर से नाराज होकर, अभिभावकों की डांट से क्षुब्ध, अवसाद के कारण या फिर प्रेमी युगल इस पुल से कूदकर अपनी जान दे देते हैं। लगातार बढ़ी रही आत्महत्या की घटना पर अंकुश लगाने के लिए लोगों ने पुल पर दोनों तरफ जाली लगाने की मांग जनप्रतिनिधियों से की थी। एमएलसी व कैंट विधायक की पहल पर काम भी शुरू हुआ, लेकिन कोरमपूर्ति कर पीडब्ल्यूडी ने इतिश्री कर दी। अभी तीन माह पूर्व वाराणसी और डेढ़ माह पूर्व जौनपुर के प्रेमी युगलों ने गंगा नदी में छलांग लगा दी थी, लेकिन उनका आज तक पता नहीं चल सका।
जौनपुर के प्रेमी युगल की पुल पर मोबाइल, बाइक व आइडी मिली थी। वहीं शुक्रवार को पिता के डांटने पर मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के गोपालापुर निवासी ताबिज ने भी गंगा नदी में छलांग लगा दी। उसका भी पता नहीं चल सका। पुल पर जाली लगाने का काम क्यों रोक दिया गया, यह प्रश्न लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना है कि समय पर काम पूरा होता है या घटनाएं बढ़ती रहती हैं।पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार को जल्दी काम पूरा करने की हिदायत दी गई हैं।