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सारनाथ में मिली थी पेइंग गेस्ट योजना को मंजूरी, अब शहर में पर्यटन विभाग की मिलीभगत से लाइसेंस जारी

प्रदेश सरकार के आदेश को ताक पर रखकर शहर की तंग गलियों में भी पेइंग गेस्ट के लाइसेंस पर्यटन विभाग ने रेवड़ी की तरह बांट दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 12:50 PM (IST)
सारनाथ में मिली थी पेइंग गेस्ट योजना को मंजूरी, अब शहर में पर्यटन विभाग की मिलीभगत से लाइसेंस जारी
सारनाथ में मिली थी पेइंग गेस्ट योजना को मंजूरी, अब शहर में पर्यटन विभाग की मिलीभगत से लाइसेंस जारी

वाराणसी, जेएनएन। मानकों पर खरा नहीं उतरने पर जिला प्रशासन ने इन दिनों होटलों को लाइसेंस देना बंद कर दिया है। वजह है विकास प्राधिकरण द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं देना, क्योंकि व्यावसायिक नक्शा पास कराने पर ही वीडीए होटल और गेस्ट हाउस के लिए एनओसी दे रहा है। इसका फायदा पर्यटन विभाग ने उठाना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार के आदेश को ताक पर रखकर शहर की तंग गलियों में भी पेइंग गेस्ट के लाइसेंस पर्यटन विभाग ने रेवड़ी की तरह बांट दिया है। विभागीय लापरवाही का खामियाजा किसी भी दिन बनारस को सुरक्षा की बड़ी चूक के रूप में भुगतना पड़ सकता है। 

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जिला प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही कि नगर के विभिन्न क्षेत्रों में मानक की अनदेखी करते हुए पर्यटन विभाग अपने स्तर से पेइंग गेस्ट का लाइसेंस जारी कर रहा है। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के मुताबिक मामला उनके संज्ञान में है। होली बाद सभी होटल, पेइंग गेस्ट की सूची तलब कर जांच कराई जाएगी। 

वीडीए ने दिखाई सख्ती तो बदला पैंतरा

दरअसल, होटल के लाइसेंस के लिए कई विभागों से एनओसी लेना होता है। एक प्रशासनिक अधिकारी के संरक्षण में मानकों की अनदेखी करते हुए लाइसेंस जारी हो रहे थे। मामला संज्ञान में आने पर वीडीए की तरफ से चेतावनी देते हुए एनओसी देने से मना कर दिया गया। वीडीए के अनुसार 90 फीसद होटल आवासीय भवनों में संचालित हो रहे। पहले वीडीए से जो एनओसी जारी होती थी, उसमें भवन का मानचित्र स्वीकृत होना लिखा जाता था लेकिन वीडीए वीसी राहुल पांडेय ने व्यावसायिक भवनों में एनओसी लेने पर यह आदेश किया कि यदि आवासीय भवन का नक्शा पास है तो व्यावसायिक कार्यों के लिए एनओसी नहीं दी जाए। इसके लिए वीडीए वीसी ने दो जेई से स्पष्टीकरण भी मांगा। वीडीए वीसी की सख्ती से फर्जी एनओसी के सहारे लाइसेंस देने का खेल बंद हुआ तो लोगों ने दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया। पेइंग गेस्ट योजना में लाइसेंस हासिल करके उसे होटल की शक्ल देकर कारोबार संचालित कर रहे। इतना ही पेइंग गेस्ट योजना के तहत मिली सुविधाओं की आड़ में टैक्स चोरी भी कर रहे।

बौद्ध सर्किट में सारनाथ के लिए था आदेश 

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने सारनाथ में पेइंग गेस्ट योजना लागू किया था। योजना के तहत भवन मालिक सारनाथ इलाके में पेइंग गेस्ट योजना के शर्तों को पूरा कर लाभ उठा सकता है। 

पेइंग गेस्ट के लिए हैं कड़े मानक -

- योजना के तहत भवन स्वामी को पर्यटकों के लिए कम से कम पांच कमरे (10 बेड) करा सकेंगे।

- भवन स्वामी को भवन में रहना होगा। कम से कम दो कमरे का प्रयोग भवन स्वामी को अपने प्रयोग के लिए करना होगा।

- विदेशी पर्यटक के आवास करने पर पंजिका रजिस्टर में पासपोर्ट का विवरण दर्ज करना होगा।

- भवन को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। भवन जीर्ण-शीर्ण नहीं होना चाहिए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होगा। 

- पेइंग गेस्ट हाउस ऐसी जगह हो जहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकेगा। 

- जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली गठित कमेटी की स्वीकृति के बाद ही लाइसेंस जारी होगा।

- पर्यटकों के साथ भवन मालिक की सुरक्षा भी जरूरी है। पर्यटक के वेश में पेइंग गेस्ट बनकर कोई बदमाश भवन मालिक को भी नुकसान पहुंचा सकता है। होली बाद पेइंग गेस्ट हाउस, होटलों की जांच-पड़ताल कराई जाएगी। 

-कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी


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