कम आयुष्मान कार्ड जारी करने वालों का रुकेगा वेतन, पीपीई किट जलाने पर प्रभारी को चार्जशीट
डीएम वाराणसी ने प्रभारी अधिकारी एसीएमओ को चेतावनी जारी करने का निर्देश देते हुए ऐसे कर्मचारियों का वेतन रोके जाने का निर्देश दिया जिन्होंने आवंटित लक्ष्य से कम कार्य क
वाराणसी, जेएनएन। जिले में आयुष्मान योजना के अंतर्गत एक वर्ष से अधिक समय से कार्ड बनाया जा रहा है। इसके बावजूद 114419 परिवारों के सापेक्ष 78777 परिवारों का गोल्डेन कार्ड बनाए गए हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने प्रभारी अधिकारी एसीएमओ को चेतावनी जारी करने का निर्देश देते हुए ऐसे कर्मचारियों का वेतन रोके जाने का निर्देश दिया जिन्होंने आवंटित लक्ष्य से कम कार्य किया है। साथ ही सबसे कम कार्ड जारी किए जाने वाले तीन ब्लाक स्तरीय अधिकारी को भी चेतावनी जारी किए जाने का निर्देश।
जिलाधिकारी अपने कैंप कार्यालय में मंगलवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कर रहे थे। जिला अस्पताल में पीपी किट सहित कूड़ा जलाये जाने की खबर का संज्ञान लेते हुए हास्पिटल के प्रभारी को चार्जशीट जारी करने का निर्देश दिया। प्रसव की समीक्षा करते हुए आराजीलाइन के एमओआइसी की खराब प्रगति पर चार्जशीट जारी करने का निर्देश दिया। सीएमओ को कहा कि जो एएनएम जो सबसे कम प्रसव कराई है उसे निलंबित किया जाए। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की प्रगति ठीक नहीं पाए जाने पर कहा कि 15 दिनों में पूरा करने का निर्देश देते हुए कहा कि एएनएम व एमओआइसी का वेतन तभी मिलेगा जब वे लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। टीबी के बच्चों को गोद लेने के लिए जागरूक करने को कहा। कोरोना पाजिटिव मरीजों को समय से शिफ्ट न करने, हाट स्पाट को बैरिकेड करने की कार्यवाही तत्काल न कराने की जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग व सम्बंधित विभाग के कार्यो पर सवाल खड़े किए। गम्भीर मरीजों को रात के समय शिफ्ट किया जाए और जो गम्भीर स्थिति में नहीं हैं उनको सुबह 7 बजे से 2 बजे के बीच शिफ्ट कराया जाये।
कोविड लेवल-थ्री हॉस्पिटल के लिए मांगा 100 पोर्टेबल वेंटिल
कोरोना संक्रमण बढऩे पर फेफड़े की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। इससे फेफड़े वायु में घुलित ऑक्सीजन उचित मात्रा में अवशोषित नहीं होने पाते और व्यक्ति की सांस तेजी से फूलने लगती है। ऐसे गंभीर मरीजों का इलाज बीएचयू अस्पताल स्थित लेवल-थ्री कोविड अस्पताल में किया जा रहा है। कारोना मरीजों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए बीएचयू अस्पताल स्थित शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में बने आइसोलेशन वार्ड के सभी 140 बेड तक सीधे ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। इससे न सिर्फ मरीजों की श्वांस संबंधी दिक्कत का त्वरित समाधान होता है, बल्कि मरीज की जान बचाने में भी मदद मिलती है। तेजी से