Move to Jagran APP

काशी के सब्जी की पश्चिम भारत के लिए राह आसान, पुणे से लेकर कोलकाता तक जाएगी किसान पार्सल एक्सप्रेस

काशी का कृषि उत्पाद अब विदेशों के साथ ही पश्चिम भारत में भी धाक जमाएगा। कारण कि यहां से उत्पादन भेजने की राह भी आसान होने जा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 10:19 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 10:19 PM (IST)
काशी के सब्जी की पश्चिम भारत के लिए राह आसान, पुणे से लेकर कोलकाता तक जाएगी किसान पार्सल एक्सप्रेस
काशी के सब्जी की पश्चिम भारत के लिए राह आसान, पुणे से लेकर कोलकाता तक जाएगी किसान पार्सल एक्सप्रेस

वाराणसी, जेएनएन। काशी का कृषि उत्पाद अब विदेशों के साथ ही पश्चिम भारत में भी धाक जमाएगा। कारण कि यहां से उत्पादन भेजने की राह भी आसान होने जा रही है। खेत में लहलहाते सपने को माया नगरी तक पहुंचाने के लिए उम्मीदों की गोरखपुर से पुणे व कोलकता जाएंगी, जिसका स्टापेज वाराणसी में भी होगा। इससे तमाम कृषि उत्पादों को उचित दाम मिलेगा। इससे वाराणसी ही नहीं पूरे पूर्वांचल के किसानों के लिए भी अपने उत्पाद को बाहर के बाजार तक पहुंचाने के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म मिलेगा।

loksabha election banner

सामान्य दिनों में वाराणसी जंक्शन पर दो से तीन टन सब्जियों की आवक होती थी, जिसमें शिमला मिर्च, मशरूम और बिन्स मंगाया जाता था। लॉकडाउन के चलते फिलहाल काम प्रभावित है। यहां से कम ही सब्जियां बाहर भेजी जाती थी। वहीं, दूसरी तरफ नासिक से प्याज के रैक व्यासनगर स्टेशन पर मंगाए जाते रहे हैं। आम बजट 2020 में मंत्रालय ने कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल चलाने की घोषणा की थी। कोरोना काल में सात अगस्त को पहली किसान रेल नासिक रोड से दानापुर के बीच चली। पूर्वोत्तर रेलवे की पहली किसान पार्सल एक्सप्रेस पुणे से 30 अगस्त को चली। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्ता बताते हैं कि जिल में सभी प्रकार की सब्जी की बात की जाएं तो पिछले छह हजार हेक्टेयर में करीब 1.20 लाख टन उत्पादन हुआ है। वहीं आलू की खेती तीन हजार हेक्टेयर की गई, जिसमें 63 हजार टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। इसके साथ बागवानी का उत्पादन तीन हजार हेक्टेयर में करीब 36 हजार टन हुआ है। इसमें आम, तरबूज, अमरूद, आंवला, नीबू, केला, बेल, खालास, सरीफा आदि शामिल हैं। यानी कुल बागवानी का उत्पादन 12 हजार हेक्टेयर में करीब 2.19 लाख टन हुआ है।

जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या के अनुसार वाराणसी में पिछले साल 64719 हेक्टेयर में खाद्यान्न का उत्पादन 149.88 हजार टन हुआ, जबकि 2020 में 69326 हेक्टेयर में 164.398 हजार टन हुआ। इसमें धान, मक्का, च्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, अरहर आदि फसलें शामिल हैं। वहीं अगर तिल, मूंगफली आदि को भी मिला दिया जाएं तो पिछले साल 65120 हेक्टेयर में 149.95 हजार टन उत्पादन है। इस साल 69773 हेक्टेयर कुल खाद्यान्न की खेती हुई है। हालांकि इसकी इसके उत्पादन की रिपोर्ट अभी बाकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.