अभिभावकों को भा रहा आजमगढ़ के सरायमीर परिषदीय विद्यालय का कांवेंट स्कूल, अब प्रवेश के लिए जगह नहीं
एक तरफ कोरोना काल में विद्यालय बंद होने से शिक्षण प्रक्रिया बाधित हुई वहीं शिक्षा की गुणवत्ता के चलते मिर्जापुर के अंगेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय सरायमीर द्वितीय ने एक एडमिशन फुल की हैट्रिक लगा दी। यहां सत्र शुरू होने से पहले ही छात्रों का नामांकन पूरा हो जाता है।
आजमगढ़, जेएनएन। एक तरफ कोरोना काल में विद्यालय बंद होने से शिक्षण प्रक्रिया बाधित हुई, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता के चलते मिर्जापुर के अंगेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय सरायमीर द्वितीय ने एक एडमिशन फुल की हैट्रिक लगा दी। यहां सत्र शुरू होने से पहले ही छात्रों का नामांकन पूरा हो जाता है, जो जिले के लिए एक नजीर है।
इस विद्यालय के शिक्षकों ने डिजिटल, आनलाइन शिक्षा,मोहल्ला स्कूल के तहत गांव की गलियों में ही कक्षाएं संचालित करने की नई पहल शुरू की थी। कर दी थी। पूरे कोरोना काल के दौरान शिक्षकों की टीम ने छात्रों की मानीटङ्क्षरग की और शिक्षा मुहिम से जोड़े रखा। लाकडाउन में रियायत मिली तो शिक्षकों ने गलियों में ही क्लास लगानी शुरू कर दी थी। उसका असर विद्यालय में एडमिशन फुल के रूप में सामने आया।
विद्यालय में संसाधन व छात्र संख्या
विद्यालय में कुल पांच कमरे, पांच शिक्षकों की टीम में एक शिक्षामित्र है। एक हैंडपंप,एक शौचालय है। पिछली बार छात्र संख्या 401 थी। अबकी छात्र संख्या 452 हो गई है, जिसमें कक्षा एक में 65,दो में 101,तीन में 116,कक्षा चार में 86 और कक्षा पांच में 84 बच्चे हैं।
छात्रों को बेहतर शिक्षा और अभिभावकों के भरोसे पर खरा उतरना जरूरी
यह सफलता शिक्षा में गुणवत्ता के चलते है। यदि और नामांकन कर भी लेगे तों छात्र बैठेंगे कहां। हर कक्षा में दो सत्र की जरूरत है। नामांकन कर लेना जरूरी नहीं है। छात्रों को बेहतर शिक्षा और अभिभावकों के भरोसे पर खरा उतरना जरूरी है। इसके लिए पूरी टीम लगी रही है।
-अभिमन्यु यादव, प्रधानाचार्य।