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परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का गाजीपुर में निधन Gazipur news

भारत-पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान अदम्‍य साहस दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसुलन बीबी का 95 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 01:59 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 08:51 AM (IST)
परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का गाजीपुर में निधन Gazipur news
परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का गाजीपुर में निधन Gazipur news

गाजीपुर, जेएनएन। पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 1965 की जंग में दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले जांबाज वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीवी का आज निधन हो गया। पाकिस्तान के पैटन टैंकों से लोहा लेने वाले अदम्य साहसी अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया था। उनकी प्रेरणास्रोत रहीं पत्नी रसूलन बीवी की उम्र इस समय करीब 95 वर्ष की थी।

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गाजीपुर के दुल्लहपुर क्षेत्र के धामूपुर गांव में शुक्रवार की दोपहर अपने दुल्लहपुर स्थित आवास पर रसूलन बीवी ने अंतिम सांस ली। वह कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। उनके निधन की जानकारी होने के बाद शोक संवेदनाओं का क्रम शुरू हो गया है और आवास पर लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। 

गाजीपुर की पहचान : भारत पा‍क युद्ध के दौरान पाकिस्‍तान के दांत खटटे करने वाले अब्‍दुल हमीद की पत्‍नी रसूलन बीबी अपने परिवार के साथ गाजीपुर में ही रह रही थीं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर देश में सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच उनकी विशेष पहचान थी। देश में भारतीय सेना से जुड़े आयोजनों में भी उनको बुलाया जाता रहा है। गाजीपुर जिले में भी अब्‍दुल हमीद की स्‍मृतियों को सहेजने के लिए उनके प्रयासों की लोग मुक्‍तकंठ प्रशंसा करते रहे हैं। वीर अब्‍दुल हमीद की ही प्रेरणा से आज पूर्वांचल में गाजीपुर जिले से अमूमन हर दूसरे घर से भारतीय सेना में युवक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।  

सेना से मिलता रहा है अपनापन और सम्‍मान

आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत ने भी गाजीपुर में उनके गांव जाकर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि दी थी। 10 सितम्बर 1965 को जब पाकिस्तान सेना अमृतसर को घेरकर उसको अपने नियंत्रण में लेने को तैयार थी, अब्दुल हमीद ने पाक सेना को अपने अभेद्य पैटर्न टैंकों के साथ आगे बढ़ते देखा। प्राणों की चिंता न करते हुए अब्दुल हमीद ने अपनी तोप युक्त जीप को टीले के समीप खड़ा किया और गोले बरसाते हुए शत्रु के कई टैंक ध्वस्त कर डाले। इससे पाकिस्‍तानी सेना के पैर जंग के मैदान में बुरी तरह उखड़ गए और उनको पीछे लौटना पड़ा। परमवीर चक्र विजेता कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद को समय-समय पर रसूलन बीवी प्रेरणा देती थीं। वहीं भारतीय सेना की ओर से भी उनको विभिन्‍न सरकारी व गैर सरकारी आयोजनों पर अपनापन और सम्‍मान मिलता रहा है। 

गांव में सहेजी शहीद की स्‍मृतियां

जनवरी 2017 में नए आर्मी चीफ बनने के बाद शहीद की धर्मपत्नी रसूलन बीबी आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत से मिली थीं और ये आग्रह किया था कि उनके जीते जी वो एक बार शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके मेमोरियल आएं। हर साल 10 सितंबर को शहीद अब्दुल हमीद का परिवार उनके लिए एक सभा का आयोजन करता है। शहीद परमवीर चक्र अब्दुल हमीद की पत्नी की वृद्धावस्था को देखते हुए जनरल रावत ने खुद गाजीपुर जाने का फैसला किया।



कई हसरतों को दिल में लेकर गुजर गईं रसूलन बीबी

वीर अब्दुल हमीद की विधवा रसूलन बीबी कई हसरतों को दिल में लेकर ही गुजर गईं। उन्होंने दो वर्ष पूर्व हुए शहादत दिवस में सेना प्रमुख विपिन रावत को जिले के युवाओं को स्पेशल कोटा के तहत भर्ती कराने की मांग रखी थीं। साथ ही उन्होंने जिले में वर्ष में एक बार सेना भर्ती कराने ख्वाहिश जाहिर की थी। इसके अलावा उन्होंने कई मांगों से संबंधित पत्रक भी सौंपा था। 
    रसूलन बीबी पूरे जीवन कई ऐसे कार्यों को लेकर लगातार प्रत्यनशील रहीं जिसकी क्षेत्रवासियों को जरुरत है। उन्होंने कई बार दुल्लहपुर से दिल्ली के लिए अब्दुल हमीद एक्सप्रेस चलाने की मांग की, जिसका लाभ क्षेत्रवासियों को मिल सके। साथ ही दुल्लहपुर स्टेशन का नाम अब्दुल हमीद स्टेशन के नाम पर रखने के लिए आवाज उठाई। इस संबंध में उन्होंने पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्रक भी सौंपा था। उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन उनकी यह हसरत पूरी न हो सकी। इसके अलावा उन्होंने धामूपुर पार्क में वर्ष 2017 में हुए शहादत दिवस में सेना प्रमुख विपिन को पत्रक सौंप कर जिले में वीर अब्दुल हमीद के नाम से स्पेशल सेना भर्ती कराने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने प्रत्येक वर्ष सेना भर्ती कराने का आग्रह किया था जिसका लाभ युवाओं को मिल सके। वहीं धामूपुर स्थित शहीद पार्क का विस्तारीकरण कर एक संग्रहालय कराने के संबंध में पत्रक सौंपा था।
 


आदमकद प्रतिमा लगाने की थी ख्वाहिश
 वीर अब्दुल हमीद की विधवा रसूलन बीबी की ख्वाहिश धामपुर पार्क में आदमकद प्रतिमा लगाने की थी। उन्होंने कई बार घरवालों से इस ख्वाहिश का जिक्र किया था। उनका कहना था कि पार्क में लगी छोटी प्रतिमा उनकी शहादत के अनुरूप नहीं है। इसलिए ऐसी प्रतिमा लगाई जाए जो दूर से ही इस शहीद पर लोगों की नजर पड़ जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था सम्मानित
वीर अब्दुल हमीद की शहादत के पचासवें वर्ष पर वर्ष 2015 में दिल्ली में हुए गोल्डन जुबली कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसूलन बीबी को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया था। उस दौरान मौके पर मौजूद रसूलन बीबी के पौत्र जमील ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दादी से धामूपुर आने का वादा किया था। भरोसा दिलाया था कि वे एक बार धामूपुर आकर उस धरती को नमन करेंगे। साथ ही दादी ने धामूपुर में आर्मी स्कूल खोलने की मांग की थी जिससे क्षेत्र के युवा शिक्षा हासिल कर सेना में भर्ती हो सकें।

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