पंडित राजन मिश्र की काशी की संगीत कला को संवर्धित करने का होगा प्रयास, वर्चुअल शोकसभा में जुड़े कई कलाकार
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से पद्मभूषण स्वर्गीय पं राजन मिश्र की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए शोक सभा आयोजित की। पं राजन ने गायकी से पूरे विश्व में भारत का मान ऊंचा किया।
वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से पद्मभूषण स्वर्गीय पं राजन मिश्र की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए शोक सभा आयोजित की। शोक सभा में देश - विदेश से कलाकारों कलाप्रेमियो और विद्यार्थियों ने अपनी श्रद्धाजलि अर्पित करते हुए श्रीकाशीविश्वनाथ से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की। इस दौरान प्रदेश के संस्कृति पर्यटन धर्मार्थ एवं प्रोटोकॉल मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने कहा कि पं राजन मिश्र को काशी के संगीत के वैश्विक प्रतिनिधि के रूप में सदा स्मरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पं राजन मिश्र की काशी की संगीत परंपरा को संवर्धित करने का संकल्प पूरा किया जाएया। अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने कहा कि पंडित राजन मिश्र शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सांस्कृतिक आनुवांशिकी के कला गुणसूत्र को प्रमाणित करने और ख्याल गायन को आनंद से अनुप्राणित करने वाले काशी के विश्वस्तरीय गायक थे।
लखनऊ से जुड़ीं पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि पं राजन मेरे लिए अभिभावक की तरह थे और सदा अपने कनिष्ठ और युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे । नई दिल्ली से संस्कार भारती के राष्ट्रीय संघटन मंत्री अमीरचंद ने कहा कि पं राजन मिश्र विश्व भर में भारतीय संगीत के राजदूत थे और संगीत के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। पद्मश्री सोमा घोष ने कहा कि पं जी मेरे लिए अनुकरणीय व्यक्तित्व के रूप में सदा वंदनीय रहेगे ।सुर और भाव के आप अदभुत प्रयोक्ता थे।
नई दिल्ली से जुड़े बनारस घराने के ख्यात बांसुरी वादक पं राजेन्द्र प्रसन्ना ने पं राजन मिश्र को एक कोमल हृदय का क्ल्पनाशील कलाकार बताते हए उनकी स्मृति को नमन किया। पद्मश्री रजनीकांत ने कहा कि पं राजन मिश्र ने शास्त्रीय संगीत के सरल एवं रसपूर्ण पक्ष से लोकजन को अवगत कराया । किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊकी पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो सरोज चूड़ामणि गोपाल ने पं राजन को एक महान प्रेरणादायक कलाकार बताया । सुबह- ए- बनारस के संस्थापक सचिव डॉ रत्नेश वर्मा ने पं राजन को आधुनिक समय मे काशी के संगीत आयोजनो का प्रेरणा स्रोत बताया। कला प्रकाश के अशोक कपूर ने पं राजन को एक सह्रदय कलाकार एवं अनुपम संगीत प्रयोक्ता बताते हुए उनका स्मरण किया। तबला वादक पं किशोर मिश्र ने पं राजन मिश्र को गायन के साथ वादन का भी अनुपम मर्मज्ञ बताया ।डॉ रामशंकर ने पं राजन मिश्र के व्यक्तित्व को नई पीढ़ी के लिये एक आदर्श कलाकार गुरु के रूप में प्रेरणा का पुंज बताया।
इस अवसर पर बनारस घराने की गायिका श्रीमती सुचरिता गुप्ता ने पं राजन को चारो पट की गायकी का प्रतिनिधि बताया। साथ ही डॉ सीमा वर्मा ने उनके जीवन को संगीत के विद्यार्थियों के लिए एक सम्पूर्ण अध्याय बताया। अंत मे डॉ राजेश्वर आचार्य जी ने प्रार्थना करते हुए कहा कि नादब्रह्म लीन पंडित राजन अविमुक्तेश्वर काशी विश्वनाथ का सायूज्य प्राप्त हो।
वर्चुअल शोक सभा में काशी के कलाकार गणेश मिश्र, सुखदेव मिश्र नई दिल्ली से कला मर्मज्ञ प्रो मुकेश गर्ग समाजसेवी डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह , विनय तिवारी सरोजिनी महापात्र, डॉ बिजय कपूर, मंचकला संकाय बी एच यू के प्रमुख प्रो राजेश शाह गायन विभाग प्रमुख डॉ संगीता पंडित, वाद्य विभाग प्रमुख प्रो प्रवीण उद्धव, सुबह ए बनारस के उपाध्यक्ष प्रमोद मिश्र, खेल पत्रकार पदमपति शर्मा भी जुड़े थे।
बनारस घराने का अनमोल तारा टूट गया
ख्यात सरोद वादक विकास महराज ने कहा है कि पद्मभूषण पंडित राजन मिश्रा जी के आकस्मिक निधन से बनारस घराने का अनमोल तारा टूट गयादुःख प्रकट करते हुए कहा कि आज मैंने अपने बड़े भाई को ही नहीं, काशी ने अपना पुत्र और भारत ने अपना अनमोल नगीना भी खोया है | उन्होंने अपनी गायकी से पूरे विश्व में भारत का मान ऊंचा किया | उनके जाने से जो खाली पन आया है उसे भर पाना नामुमकिन हैं | वो सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगे | बाबा विश्वनाथ उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें |