वाराणसी में पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं इनामी अपराधी, निर्वाचन प्रभावित करने वाले अपराधियों पर कसेगा शिकंजा
प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी साफ तौर पर कहा है कि उनके शासन में माफिया व अपराधियों की एक नहीं चलेगी। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई प्रचलित है। पुलिस माफिया संस्कृति को पालने वालों पर पैनी नजर रख है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। एक ओर पुलिस व खुफिया इकाई ने किसी भी तरह की हिंसा व गड़बड़ी आदि के मामलों से निपटने के लिए कमर कस ली है तो दूसरी तरफ जिला पंचायत तक अपनी धमक व रसूख बचाने के लिए फरार इनामी अपराधी व जेल में बंद जनप्रतिनिधि रणनीति बना रहे हैं। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट सूचनाओं के संकलन में तो पुलिस माफिया संस्कृति को पालने वालों पर पैनी नजर रख है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी साफ तौर पर कहा है कि उनके शासन में माफिया व अपराधियों की एक नहीं चलेगी। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई प्रचलित है। पंचायत चुनाव में ये मामले किसी बड़े विवाद की वजह न बन जाएं, इसके लिए पहले से ही पुलिस एहतियात बरत रही है।
दिखने लगा पंचायत चुनाव का असर
पुलिस एक्शन पर पंचायत चुनाव का असर दिखने लगा है। माफिया पृष्ठभूमि के जनप्रतिनिधियों के मददगारों पर पुलिस की नजर लगी हुई है। इन पर आने वाले दिनों में शिकंजा और कसा जाएगा। अपर पुलिस महानिदेशक बृज भूषण शर्मा ने हाल ही में मातहतों की बैठक में इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए हैं। एडीजी के इस बयान को पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। इसका असर भी पुलिस कार्रवाई में दिखने लगा है।
कई जिले हैं संवदेनशील
पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के मद्देनजर वाराणसी के साथ ही चंदौली, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिले संवेदनशील माने जा रहे हैैं। वाराणसी, चंदौली में सेंट्रल जेल में निरुद्ध एमएलसी बृजेश सिंह व उनके परिवार का खासा प्रभाव है। वाराणसी जिला पंचायत पर लंबे समय से उसका ही परिवार काबिज है। पहले उनके बड़े भाई स्व. उदय नाथ सिंह चुलबुल का दबदबा रहा। उनके बाद पुत्रवधू किरण सिंह पंचायत अध्यक्ष थीं। फिर इस पद पर बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह का कब्जा था। चंदौली में भी बृजेश के परिवार का खासा दबदबा है।
गाजीपुर व मऊ पंजाब जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी के प्रभाव का क्षेत्र माना जाता है। जौनपुर में अंतर परिक्षेत्रीय गैैंग लीडर के रूप में दर्ज पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ ही माफिया डान मुन्ना बजरंगी के परिवार का खासा दबदबा है। सूत्रों की मानें तो इन परिवारों ने इस बार भी पंचायत चुनाव में हनक दिखाने के मंसूबे बांध रखे हैैं। इसकी तैयारियां भी गुपचुप ढंग से चल रही हैैं। इसकी भनक शासन को भी लग चुकी है। इसे काफी गंभीरता से लिया गया है। इसका ही नतीजा है कि इनके मुख्तार के मददगारों पर कार्रवाई की खुली छूट पुलिस को मिल गई है। पुलिस ने हाल के दिनों में मुख्तार अंसारी के मददगारों की भी खूब लानत-मलामत की है। ताकि वे सिर उठाने की हिम्मत न करें। फरार इनामी अपराधी भी पंचायत चुनाव में अपनी या अपने परिवार की भागीदारी का मंसूबा पाल रखे हैं। इनके रसूख पर कोई आंच नहीं आए, इसके लिए पैसा बहाने की तैयारी में हैं। पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में हुई हत्या का असर भी मऊ में दिखाई पड़ सकता है।
पैसे वालों की भी लिस्ट बनेगी
गांवों में उन लोगों की भी लिस्ट बन रही है, जिनके पास काफी पैसा है। जाति से जुड़े और जमीन से जुड़े लड़ाई-झगड़ों के साथ ही अगर कहीं धर्मस्थल को लेकर किसी तरह का विवाद है, तो उसे भी खुफिया पुलिस पता कर रही है। जमीन से जुड़े विवाद, धर्मस्थल विवाद के मामले भी जुटाए जा रहे हैं खुफिया विभाग से यह सूचना मांगी गई है कि कौन-कौन से मामले हैं, जिनमें विवाद होने की आशंका है।
ये हैं फरार इनामी अपराधी
वर्ष 2021 में भी फरार चल रहे इनामी अपराधियों की तलाश पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। पुलिस की गिरफ्त से दूर अपराधियों में कोई दस तो कोई 20 साल से फरार चल रहा है।
- मुख्तार का खास है दो लाख का इनामी अताउररहमान
- अताउररहमान का साथी है दो लाख का इनामी शहाबुद्दीन
- एक लाख का इनामी मनीष सिंह उर्फ सोनू
- एक लाख का इनामी है चॢचत फिल्म स्टार मनीषा कोईराला के सचिव की हत्या में शामिल जंसा थाना क्षेत्र निवासी मनीष सिंह
- एमएलसी बृजेश का दुश्मन है एक लाख का इनामी इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी
- 50 हजार का इनामी चोलापुर का सुनील यादव
- इसी तरह अजीम, विश्वास नेपाली भी फरार चल रहे हैं।