पंचायत चुनाव 2021 : आरक्षण की आशंका से ग्रसित हैं निवर्तमान प्रधान, विकल्प की तलाश में मार रहे हैं हाथ-पैर
फतहपुर मंडाव विकास खंड क्षेत्र के 78 ग्राम पंचायतों में से 39 ग्राम पंचायतों में आरक्षण लागू होने की आशंका से ग्रसित निवर्तमान प्रधान अब क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपना विकल्प पर विचार करते हुए अपने जीत की संभावना तलाश रहे हैं।
मऊ, जेएनएन। फतहपुर मंडाव विकास खंड क्षेत्र के 78 ग्राम पंचायतों में से 39 ग्राम पंचायतों में आरक्षण लागू होने की आशंका से ग्रसित निवर्तमान प्रधान अब क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपना विकल्प पर विचार करते हुए अपने जीत की संभावना तलाश रहे हैं। ताकि किसी भी परिस्थिति में पंचायतों में उनकी सहभागिता बनी रहें।
फतहपुर मंडाव विकास खंड क्षेत्र के 78 ग्राम पंचायतों में 50 ग्राम पंचायतें ऐसी रही है, जो एससी या ओबीसी के लिए पिछले 1995 से आरक्षित नहीं रही है। इसमें 20 ग्राम पंचायत ओबीसी तो 30 ग्राम पंचायत एससी नहीं हुई है। ऐसे में ओबीसी के आरक्षण तथा एससी के आरक्षण से वंचित रही ग्राम पंचायतों के आरक्षित होने की आशंका से निवर्तमान प्रधान ग्रसित हो गए हैं। पहले वह बीडीसी तथा जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अन्य को सपोर्ट करने का आश्वासन देने वाले निवर्तमान प्रधान अब अपने ग्राम पंचायत के आरक्षित होने की आशंका के चलते बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लडऩे की संभावना तलाश करते हुए अपने समर्थकों से राय मशविरा करने में जुटे हैं।
हालांकि, जो बीडीसी या जिला पंचायत सदस्य की तैयारी में लगे हुए थे, अब वह निवर्तमान प्रधानों के दांव से विचलित नजर आ रहे हैं। इसके चलते ये निवर्तमान प्रधानों पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगा रहे हैं । ऐसे में चुनाव में कभी एक दूसरे के समर्थक रहे दावेदार इस चुनाव में आमने-सामने हो सकते हैं। इससे पंचायत चुनाव की फाइनल आरक्षण सूची आने के बाद ग्राम पंचायतों में चुनावी माहौल काफी दिलचस्प होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।