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Panchayat Elections in Mau : महिलाओं की शक्ति बनी युवाओं का जोश, बढ़ा मतदान

ग्राम पंचायत चुनाव में जिस तरह से महिलाओं ने लोकतंत्र को मजबूती देने का धैर्य सहनशक्ति और उत्साह दिखाया वह अतुलनीय था। तीखी धूप और तपन के बीच न सिर्फ मातृ शक्तियों ने घंटों खड़े रहकर अपनी बारी आने की प्रतीक्षा किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 05:42 PM (IST)
Panchayat Elections in Mau : महिलाओं की शक्ति बनी युवाओं का जोश, बढ़ा मतदान
अधिकांश गांवों में शत प्रतिशत युवाओं और युवतियों ने मतदान किया।

मऊ, जेएनएन। ग्राम पंचायत चुनाव में जिस तरह से महिलाओं ने लोकतंत्र को मजबूती देने का धैर्य, सहनशक्ति और उत्साह दिखाया वह अतुलनीय था। तीखी धूप और तपन के बीच न सिर्फ मातृ शक्तियों ने घंटों खड़े रहकर अपनी बारी आने की प्रतीक्षा किया, बल्कि युवाओं को अनुशासन और शक्ति का परिचय देकर प्रेरणा भी दिया। इसके बाद नए-नए मतदाता बने युवक और युवतियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया मतदान का प्रतिशत भी बढ़ता गया।

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अधिकांश गांवों में शत प्रतिशत युवाओं और युवतियों ने मतदान किया। नई-नवेली दुल्हनों ने भी कोविड के डर को मास्क लगाकर दूर किया और पूरे जोश-खरोश के साथ मतदान में भाग लिया। पहली बार वोट देने वाले युवक जहां मोबाइल सेट से सेल्फी खींचते नहीं थक रहे थे, वहीं युवतियों की भी खुशी का ठिकाना नहीं था। कई जगह पीठासीन अधिकारियों ने युवक-युवतियों को उत्साहित करने के लिए बिना कतार में लगे उन्हें मतदान करने का अवसर दिया।

बुजुर्गों ने भी दिखाया जोश

मधुबन : पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार के प्रयोग को लेकर जिस प्रकार युवाओं ने जोश दिखाया, ठीक उसी प्रकार का जोश बुजुर्गों में भी देखा गया। कतार में लगे कई बुजुर्गों को आपस में बातचीत करके चुटकियां लेते भी देखा गया कि क्या पता यह उनका आखिरी चुनाव न हो।

दिव्यांग ने जोश के साथ किया मतदान

फतहपुर मंडाव ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय महुंई पर बने मतदान केंद्र पर दिव्यांग ने जोश के साथ मतदान किया। उसके जज्बे को देखकर पीठासीन व मतदान अधिकारी भी हौसला आफजाई करने से नहीं चूके। हालांकि दिव्यांग ने वोट डालने के लिए अपने भतीजे का सहारा लिया। प्राथमिक विद्यालय महुंई पर मतदान चल रहा था। इस बीच गांव निवासी अतुल कुमार पांडेय भी मतदान करने पहुंचा। उसके साथ उनका भतीजा भी था। दिव्यांग के दोनों हाथ नहीं है एवं दोनों आंखों से दिखाई भी नहीं देता है। इसकी वजह से पीठासीन अधिकारी ने भतीजे को मतपत्र फाड़ कर दिया। भतीजे ने वोट करने की अनुमति प्रदान कर दी।


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