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Panchayat Election 2021 : सेमीफाइनल मैच से कम नहीं है पंचायत चुनाव, प्रतिष्ठा लगी दांव पर

पंचायत चुनाव में सभी दलों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। सभी अधिक से अधिक सीट जीतकर आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहते हैं। यूं कह सकते हैं कि पंचायत चुनाव सभी दलों के लिए किसी सेमीफाइनल मैच से कम नहीं है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 01:27 PM (IST)
Panchayat Election 2021 : सेमीफाइनल मैच से कम नहीं है पंचायत चुनाव, प्रतिष्ठा लगी दांव पर
पंचायत चुनाव में सभी दलों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है।

वाराणसी, जेएनएन। ऐसा पहली बार हो रहा है कि पंचायत चुनाव में सभी दलों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। सभी अधिक से अधिक सीट जीतकर आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहते हैं। यूं कह सकते हैं कि पंचायत चुनाव सभी दलों के लिए किसी सेमीफाइनल मैच से कम नहीं है। हर पार्टी अधिक से अधिक सीट जीतकर यह दिखाना चाहती है कि उनकी जनता के बीच पकड़ मजबूत है। सबसे अधिक प्रतिष्ठा छोेटे दलों की प्रतिष्ठा फंसी है, क्योंकि इसी आधार पर वे विधानसभा चुनाव में बड़ी राजनीतिक पार्टियों से सीट (हिस्सेदारी) की मांग करेंगे।  

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छोटे दलों को छोड़ दिया जाए तो बड़ी राजनीतिक पार्टियां कभी-भी पंचायत और निकाय चुनाव में रुची नहीं दिखाती थी। वे सिर्फ बाहर से समर्थन करती थीं लेकिन ऐसा पहली बार है जब भाजपा, सपा, कांग्रेस समेत छोटे दल पंचायत चुनाव में अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर रहे हैं। बड़ी पार्टियां अधिक से अधिक सीट जीत कर अपना जनाधार बताना चाहती हैं तो छोटे दल अपनी बैठ। छोटे दलों के प्रत्याशियों की घोषणा करते ही बड़ी पार्टियों ने पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। बड़ी पार्टियों के नेता अपने-अपने प्रत्याशियों को जीताने के लिए पूरी ताकत झोकें हुए हैं।

वे घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं। वे किए गए विकास और आगानी योजनाओं के बारे में जनता को बता रहे हैं। वहीं, छोटे दल के नेता स्थानीय होने का दावा कर रहे हैं। अपना (एस) केंद्र और प्रदेश सरकार में शामिल होने के बाद भी अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारी है। उन्हें जीताने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। अपना दल (कृष्णा गुट) और सुभासपा अपना-अपना वजूद बताने में लगी है जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़े दलों के साथ समझौता कर सकें। साथ ही उनसे अधिक से अधिक विधानसभा सीट की मांग करें। हालांकि (कृष्णा गुट) और सुभासपा ने कई छोटे दलों के साथ मिलकर संकल्प मोर्चा बनाया है।


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