Move to Jagran APP

Panchayat Elections 2021 : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहू और किसान मित्र नहीं बनेंगे उम्मीदवार, निर्वाचन आयोग का प्रतिबंध

चुनाव आयोग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा बहू किसान मित्र शिक्षा मित्र रोजगार सेव संग पंचायतों व नगर निकायों में मानदेय प्राप्त कर्मी चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध भी लगया है। चुनाव लडऩे के लिए योग्य नहीं होंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 05:15 PM (IST)
Panchayat Elections 2021 : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहू और किसान मित्र नहीं बनेंगे उम्मीदवार, निर्वाचन आयोग का प्रतिबंध
निर्वाचन आयोग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहू और किसान मित्र को पंचायत उम्मीदवार बनने से रोक दिया है।

बलिया, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर प्रशासनिक अमला संग भावी प्रत्याशी भी जोर आजमाइश करने लगे हैं। आरक्षण सूची जारी होते ही गांवों की राजनीति गरमाने लगी है। चुनाव आयोग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहू, किसान मित्र, शिक्षा मित्र, रोजगार सेव संग पंचायतों व नगर निकायों में मानदेय प्राप्त कर्मी चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं। निर्वाचन आयोग से सख्त निर्देश आ गए हैं, प्रशासन ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिया है। इनकी सूची संबंधित ब्लाक मुख्यालयों को उपलब्ध कराने को कहा है। इस प्रतिबंध से इस तरह के लोग चुनाव से वंचित रहेंगे।

loksabha election banner

पुरुष या महिला सीट से लड़ सकते हैं किन्नर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किन्नर को चुनाव लडऩे की छूट है। वह पुरुष व महिला की सीट का चयन करने को स्वतंत्र होंगे। निर्वाचन नियमावली में दर्ज रिट याचिक (सिविल) संख्या 400-2012 नेशनल लिगल सर्विसेज अथारटी बनाम भारत संघ व अन्य ने माननीय उच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वार 15 अप्रैल 2014 पारित आदेश के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत व नगरीय निकायों के निर्वाचन में किन्नर अपनी इच्छानुसार पुरुष अथवा महिला की श्रेणी में कर सकता है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध भी लगया है

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध भी लगया है। चुनाव लडऩे के लिए योग्य नहीं होंगे। सभी मजिस्ट्रेटों को इसकी सूचना दे दी गई है।

-बीराम, सहायक निर्वाचन अधिकारी, पंचस्थानीय।

पंचायत के आरक्षण पर सवाल, आपत्तियों की भरमार

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की सूची जारी होते ही कई पंचायतों के लोग आरक्षण नीति पर सवाल खड़ा करने लगे हैं। कई पंचायतें हैं जहां उस बिरादरी का कोई नहीं है लेकिन उस जाति के लिए सीट आरक्षित कर दिया गया है। वहीं कुछ पंचायत ऐसे भी है जहां एक ही बिरादरी के लोग हैं लेकिन वहां के सीट को सामान्य किया गया है। ऐसे में प्रधान पद के बहुत से दावेदार बुधवार से आपत्तियों को लेकर मुखर हो गए हैं। जिला मुख्यालय पर दिन भर विभिन्न पंचायतों के लोग आपत्ति करने के लिए जातिगत आकड़े के साथ कागजात तैयार करते रहे। डीपीआरओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आपत्तियां 4 मार्च से 8 मार्च तक ली जाएंगी। उसके बाद दावेदारों की शिकायत पर विचार किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.