सर्वोच्च नागरिकता पुरस्कारों में शामिल पद्म पुरस्कारों में काशी से और विस्तार की इस बार अास
कला साहित्य विज्ञान धर्म और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े हुए लोगों ने पद्म पुरस्कारों के लिए अपना आवेदन किया है।
वाराणसी, जेएनएन। सर्वोच्च नागरिकता पुरस्कारों में शामिल पद्म पुरस्कारों में काशी का हमेशा से ही बोलबाला रहा है। पूर्व में भी कई आवेदनों को भारत सरकार ने मान्यता देते हुए पद्म पुरस्कारों में काशी का मान रखा गया है। धर्म, संस्कृति, साहित्य और कला की राजधानी काशी में मेधाओं ने समय समय पर अपनी कला से विश्व भर को अपनी ओर आकर्षित किया है। इस बार भी पद्मपुरस्कारों के लिए लगभग 15 विशिष्ट जनों द्वारा काशी से अपनी दावेदारी पेश करने की चर्चा है।
इस बार भी कला, साहित्य, विज्ञान, धर्म और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े हुए लोगों ने पद्म पुरस्कारों के लिए अपना आवेदन किया है। पद्म अलंकरण के लिए आवेदनों पर पूर्व में ही शासन स्तर पर मंथन के बाद चयन हो चुका है। अब बस उनके नामों को घोषित करने की ही औपचारिकता शेष है। पूर्व में गणतंत्र दिवस के पूर्व ही सभी नामों को घोषित करने की परंपरा रही है। ऐसे में आज 25 जनवरी को भी नामों की घोषणा होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की ओर से ही इन चयनित नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाता है। आवेदकों में कलाकार, साहित्यकार, विज्ञानी, शास्त्रीय संगीतकार खेल या किसी अन्य विधा में महारत रखने वाले व्यक्ति और लोकगीत कलाकार आदि शामिल होते हैं।
सर्वोच्च नागरिकता सम्मान के लिए चयनित लोगों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है। अब तक काशी में पद्मविभूषण ठुमरी साम्राज्ञी स्व. गिरिजा देवी आैर किशन महराज, पदम भूषण राजन-साजन मिश्र, पंडित छन्नू लाल मिश्र और प्रोफेसर देवी प्रसाद द्विवेदी, पद्मश्री में बिरहा सम्राट स्व. हीरालाल यादव, डॉ. राजेश्वर आचार्य, प्रशांति सिंह, सोमा घोष, टीके लहरी, रजनीकांत समेत कई प्रमुख नाम शामिल रहे हैं।
काशी से इस बार चर्चा में शामिल नाम : अमरनाथ शर्मा कला, आचार्य पं. अशोक द्विवेदी, सुरेंद्र मोहन मिश्र, विष्णु यादव, पं. पूरण महाराज, डॉ. राकेश पांडेय, प्रो.कृष्णा चक्रवर्ती, प्रो. प्रकाश चंद्र, डॉ. बनवारी सिंह यादव, डॉ. कमला पांडेय, शिवनाथ मिश्रा।