ब्राह्मण विरोधी सरकार को उखाड़ फेंके, गाजीपुर में बोले बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा
प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी से बसपा ब्राह्मणों को कितना साथ जोड़ पाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य सतीशचंद्र मिश्रा ने उन्हें लुभाने में कोई कोर कसर छोड़ा नहीं। आह्वान किया कि एकजुट हों और ब्राह्मण विरोधी सरकार को उखाड़ फेंके।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी से बसपा ब्राह्मणों को कितना साथ जोड़ पाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य सतीशचंद्र मिश्रा ने उन्हें लुभाने में कोई कोर कसर छोड़ा नहीं। नगर के बंधवा स्थित एक मैरिज हाल में गुरुवार आयोजित कार्यक्रम में अपने 45 मिनट के संबोधन में वह इसी पटरी पर दौड़े। आह्वान किया कि एकजुट हों और इस ब्राह्मण विरोधी सरकार को उखाड़ फेंके।
श्री मिश्र ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शुरू से ही ब्राह्मण और दलित विरोधी रही है। ब्राह्मण और दलित समाज पर पिछले साढ़े चार वर्षों से सरकार हमला कर रही है। इन समाज के लोगों की हत्याएं की जा रहीं हैं। पूरे यूपी में ब्राह्मण समाज के लोगों का एनकाउंटर किया जा रहा है। इससे साफ पता चलता है कि यह सरकार ब्राह्मण विरोधी है। एक-एक करके ब्राह्मणों पर हुए अत्याचार को गिनाया। आरोप मढ़ा कि समाजवादी पार्टी और भाजपा की सरकार जब भी आती है यह लोग ब्राह्मणों और दलितों का उत्पीड़न करते हैं। रायबरेली के पांच ब्राह्मण समाज के भाइयों की हत्या इस सरकार में कर दी गई। सपा की नकल करते हुए भाजपा ने सोचा कि जितना हम ब्राह्मणों का उत्पीड़न करेंगे, उतना ही हमारा नाम होगा। सपा के पूर्व मंत्री रहे विजय मिश्रा के संबंध में बोलते हुए कहा कि इनको सपा ने पहले अपने साथ जोड़ा और जब इनको असलियत पता चला तो हमारे साथ आ गए।
गणेश दत्त मिश्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने तानाशाही का परिचय देते हुए इनका मकान गिरवा दिया और इनके असलहे का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया। कहा कि भाजपा पहले नोट देती है, फिर वोट लेती है और काम निकल जाने के बाद चोट देती है। इस मौके पर सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व मंत्री विजय मिश्रा, नकुल दुबे, जिला सचिव रवि प्रकाश, जिलाध्यक्ष अजय कुमार भारती, पूर्व एमएलसी डा. विजय कुमार, मुख्य सेक्टर इंचार्ज वाराणसी मंडल रामचंद्र गौतम, मुख्य सेक्टर इंचार्ज वाराणसी मंडल अमरजीत गौतम आदि रहे। संचालन महंत अवधेश भारद्वाज ने किया।