ओवरलोड ट्रकें चलने से वाराणसी की सड़कें तार-तार, कार्रवाई की जगह अफसर कर रहे पत्राचार
नो इंट्री खुलने के बाद ओवरलोड ट्रकें वाराणसी शहर के अंदर रातभर धमा-चौकड़ी मचा रही हैं। ट्रकों की तेज आवाज के चलते लोगों की नींद हराम हो गई है तो सड़कें भी तार-तार हो रही हैं। उधर अफसर ओवरलोडिंग पर अंकुश के लिए सिर्फ पत्राचार करने में ही व्यस्त हैं।
वाराणसी, जेएनएन। नो इंट्री खुलने के बाद ओवरलोड ट्रकें शहर के अंदर रातभर धमा-चौकड़ी मचा रही हैं। ट्रकों की तेज आवाज के चलते लोगों की नींद हराम हो गई है तो सड़कें भी तार-तार हो रही हैं। उधर, अफसर ओवरलोडिंग पर अंकुश के लिए सिर्फ पत्राचार करने में ही व्यस्त हैं। ओवरलोड ट्रकों के शोर से लोगों की नींद में खलल पड़ रहा तो सड़कें खराब होने से पीडब्ल्यूडी भी बेजार है। फिर भी जिला प्रशासन व पुलिस की निद्रा नहीं टूट रही, जबकि लोक निर्माण विभाग पत्राचार कर जिला प्रशासन से ओवरलोड ट्रकों पर रोक लगाने की मांग कर रहा है।
वाहनों की भार क्षमता के मुताबिक लोक निर्माण विभाग, नगर निगम व अन्य विभाग अलग-अलग सड़कें बनाते हैं। शहर के अंदर की सड़कें हल्के वाहन के लिए बनाई जाती हैं। हाइवे भारी वाहनों के लिए होते हैं, मगर जिला प्रशासन, पुलिस, यातायात और परिवहन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ओवरलोड ट्रक शहर के अंदर भी दौड़ रहे हैं। रात में नो इंट्री खुलते ही सड़कों पर शुरू ओवरलोड ट्रकों की दौड़ सुबह तक जारी रहती है। सड़क के किनारे रहने वाले भवन स्वामी इसे लेकर नाराजगी जता चुके हैं, इसके बाद भी रोक के उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
ओवरलोडिंग से शहर की सड़कें खराब हो रही हैं
ओवरलोडिंग से शहर की सड़कें खराब हो रही हैं। जिला प्रशासन से ओवरलोड ट्रकों पर अंकुश के लिए कई बार पत्राचार किया गया है। गत दिनों मंडलायुक्त से मिलकर भी रोक लगाने की मांग की गई थी।
- एसके अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग