डिप्टी सीएम के आदेश को भूल गए अफसर, ट्रकों के धुएं से हवा दूषित तो तेज आवाज से नींद में खलल
ओवरलोड ट्रकों से सड़कों के टूटने बड़े-बड़े गड्ढे होने से आए दिन उसमें लोगों को गिरकर चोटिल होने पर डिप्टी सीएम ने नाराजगी जाहिर की थी।
वाराणसी, जेएनएन। ओवरलोड ट्रकों से सड़कों के टूटने, बड़े-बड़े गड्ढे होने से आए दिन उसमें लोगों को गिरकर चोटिल होने पर डिप्टी सीएम ने नाराजगी जाहिर की थी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को चेतावनी देते हुए स्पष्ट कहा था कि शहर के अंदर से ओवरलोड ट्रकें नहीं गुजरनी चाहिए। लेकिन, डिप्टी सीएम के जाने के बाद अफसर उनके आदेश को भूल गए। ओवरलोड ट्रकों के धुएं से हवा भी दूषित हो रही है। उनकी तेज आवाज से लोगों की नींद हराम हो गई है, फिर भी अफसरों को ओवरलोड ट्रकें दिखाई नहीं पड़ रही हैं।
पिछले दिनों बनारस दौरे पर आए उप मुख्यमंत्री ने शहर की बदहाल सड़कों को देखकर लोकनिर्माण विभाग और नगर निगम के अफसरों पर नाराजगी जाहिर की थी। अफसरों ने बताया कि रात में शहर के अंदर से ओवरलोड ट्रकों के गुजरने से सड़कें खराब हो रही हैं। मना करने के बाद भी कुछ विभाग जबर्दस्ती अंदर से प्रवेश करा रहे हैं। इतना सुनते ही डिप्टी सीएम का पारा गरम हो गया। उन्होंने एसएसपी को निर्देश दिया कि ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करें, बड़े वाहनों का रूट डायवर्जन इस तरह कराएं कि शहर की सड़कें क्षतिग्रस्त नहीं होने के साथ आवागमन प्रभावित नहीं हो। परिवहन विभाग को भी ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था लेकिन न तो शहर के अंदर से ओवरलोड ट्रकों का आवागमन बंद हुआ और न ही कोई कार्रवाई हुई।
तेज आवाज से मरीज को खतरा
शहर के जिन सड़कों से ओवरलोड ट्रकों का आवागमन होता है उन मार्गों पर कई छोटे-बड़े अस्पताल पड़ते हैं। ओवरलोड ट्रकों के आवागमन का सीधा प्रभाव मरीजों पर पड़ता है। चिकित्सकों का कहना है कि तेज आवाज से मरीज को ज्यादा खतरा है। कुछ चिकित्सकों ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की थी लेकिन उनकी फरियाद नहीं सुनीं गई।