BHU में सेंट्रल ऑफिस के बाहर प्रवेश परीक्षा में धांधली को लेकर अभिभावकों संग छात्रों का धरना
सेंट्रल ऑफिस के बाहर बुधवार को भी बीएचयू में प्रवेश परीक्षा को लेकर धरने पर छात्र-छात्राएं बैठे रहे। वहीं इससे पूर्व बीएचयू में प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए सेंट्रल आफिस पर लगभग 30 अभ्यर्थियों व उनके परिवारीजनों ने मंगलवार देर शाम तक धरना प्रदर्शन किया था।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू स्थित सेंट्रल ऑफिस के बाहर बुधवार को भी बीएचयू में प्रवेश परीक्षा को लेकर धरने पर छात्र-छात्राएं बैठे रहे। वहीं इससे पूर्व बीएचयू में प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए सेंट्रल आफिस पर लगभग 30 अभ्यर्थियों व उनके परिवारीजनों ने मंगलवार देर शाम तक धरना प्रदर्शन किया था। अपनी पेंटिंग और चित्रकला लेकर विरोध करतीं फाइन की छात्राओं ने कहा कि दृश्य कला संकाय के बीएफए कोर्स की प्रायोगिक प्रवेश परीक्षा में व्यापक पैमाने पर गड़बडिय़ां हुईं हैं। इस बीच जांच करने और तब तक काउंसिलिंग स्थगित करने की मांग की गई। वहीं अभ्यर्थियों और उनके परिजनों से लिखित आश्वासन मिलने तक अनिश्चितकालीन धरने की बात कही है। इसी क्रम में बुधवार को भी छात्रों का धरना प्रदर्शन चला।
जबकि मंगलवार की देर शाम बीएचयू के चीफ प्राक्टर प्रो. ओपी राय धरना खत्म कराने के लिए बीच-बचाव को आगे आए। छात्रों का पक्ष सुनते हुए उन्होंने लिखित में आश्वासन दिया कि जब तक समस्या का निवारण नहीें हो जाता, तब तक बीएफए कोर्स की काउंसिलिंग शुरू नहीं होगी। छात्रों ने कहा कि जो बच्चे लिखित परीक्षा में 150 में से 120 से 130 अंक पाए हैं, उन्हें प्रायोगिक परीक्षा में 720 में से महज 100 के आसपास ही अंक दिए गए हैं। वहीं कुछ को भेदभाव कर अत्यधिक अंक दे दिए गए। विद्यार्थियों ने मांग किया कि सभी प्रायोगिक परीक्षा की कापी पुन: मूल्यांकित की जाए। वहीं बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी डा. राजेश सिंह का कहनाहै कि बीएचयू की प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। किसी प्रकार की गड़बड़ी का कोई सवाल ही नहीं।
विवि की ओर से अधिकृत तौर पर कोई जवाब नहीं मिलने आैर पारदर्शिता का हवाला देते हुए छात्रों की मांग का विरोध होने की बात सामने आने के बाद बुधवार को दाेबारा छात्र छात्राएं और उनके अभिभावक धरना प्रदर्शन कर काउंसिलिंग में शामिल कराने की मांग करने लगे।