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वाराणसी में परीक्षाओं के रोक का आदेश निजी विद्यालयों पर प्रभावी नहीं, पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने डिप्टी सीएम की शिकायत

शासन ने निजी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ के बच्चों की परीक्षा न कराने का कोई आदेश नहीं दिया है। स्कूली शिक्षा की महानिदेशक अनामिका सिंह ने स्पष्ट किया कि तीन सितंबर का यह आदेश बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों के लिए जारी किया गया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 06:10 AM (IST)
वाराणसी में परीक्षाओं के रोक का आदेश निजी विद्यालयों पर प्रभावी नहीं, पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने डिप्टी सीएम की शिकायत
पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने डिप्टी सीएम की शिकायत

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शासन ने निजी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ के बच्चों की परीक्षा न कराने का कोई आदेश नहीं दिया है। स्कूली शिक्षा की महानिदेशक अनामिका सिंह ने स्पष्ट किया कि तीन सितंबर का यह आदेश बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों के लिए जारी किया गया था। यह आदेश निजी विद्यालयों पर प्रभावी नहीं है।

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दरअसल का हवाला देते हुए बीएसए राकेश सिंह ने मनमाने तरीके से गत दिनों निजी विद्यालयों से भी कक्षा आठ तक परीक्षाएं कराने पर रोक लगा दी थी। यही नहीं उन्होंने गत 27 सितंबर को सेंट जान्स स्कूल (मड़ौली व बरेका)का निरीक्षण किया। दोनों विद्यालयों में परीक्षाएं चल रही है। शासनादेश के उल्लंघन के आरोप में उन्होंने दोनों विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को नोटिस देकर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। नोटिस के बाद जनपद के निजी विद्यालयों में खलबली मच गई। आनन-फानन में निजी विद्यालयों में परीक्षाएं स्थगित कर दी। वहीं दूसरी ओर इस संबंध पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. दीपक मधोक ने इस संबंध में डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा व स्कूली शिक्षा की महानिदेशक से मोबाइल फोन से वार्ता की। यही नहीं उन्होंने बीएसए द्वारा परीक्षा करा रहे नोटिस की भी जानकारी दी। डिप्टी सीएम व कूली शिक्षा की महानिदेशक ने इसे गंभीरता से लिया। महानिदेशक ने बुधवार को सूबे के बीएसए के जारी परिपत्र में स्पष्ट किया कि तीन सितंबर का शासनादेश बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित विद्यालयों के लिए हैं। यह आदेश निजी विद्यालयों पर प्रभावी नहीं है।

नहीं खुल रहा प्रेरणा पोर्टल, शिक्षक परेशान

बेसिक शिक्षा विभाग ने अब परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों को ड्रेस, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा का 1056 रुपये देने का निर्णय लिया है। यह राशि डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएंगी। इसके लिए शिक्षकों बच्चों का विवरण प्रेरणा पोर्टल अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। वहीं दूसरी ओर प्रेरणा पोर्टल न खुलने से शिक्षक परेशान है। शिक्षकों कहना है कि पोर्टल पर बार-बार कृपया प्रतीक्षा करें लिखकर आ रहा है। इससे कारण एक बच्चे का विवरण अपलोड करने में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।


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