चौथे सबसे बड़े उत्पादक देश में महज दस ग्राम प्रति व्यक्ति ही शहद उपलब्ध
भारत विश्व में चौथा बड़ा शहद उत्पादक देश है लेकिन प्रतिव्यक्ति 10 ग्राम शहद प्रतिदिन की उपलब्धता हो पाती है जबकि स्वस्थ रहने के लिए 50 ग्राम प्रतिव्यक्ति शहद रोज चाहिए।
वाराणसी, जेएनएन। नीति आयोग के निर्देश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सर्वांगीण विकास के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित विकासखंड सेवापुरी में बुधवार को उद्यान विभाग ने मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुरू किया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के 30 जून तक लक्ष्यपूर्ति निर्देश के क्रम में सात गांवों से 25 चयनित किसानों का सात दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाना है।
स्वस्थ रहने के लिए 50 ग्राम प्रतिव्यक्ति शहद रोज उपलब्ध होना चाहिए
दौलतिया के प्रेमचंद इंटर कॉलेज पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बुधवार को प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता बीडीओ दिवाकर सिंह ने की। उन्होंने मौन पालन के साथ मछली, कुक्कुट पालन का सुझाव दिया। शहद के स्वीट रिवोल्यूशन को पीली क्रांति के रूप में अपनाने का भी आह्वान किया। भारतीय सब्जी अनुंसधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आत्मानंद त्रिपाठी ने बताया कि भारत विश्व में चौथा बड़ा शहद उत्पादक देश है, लेकिन प्रतिव्यक्ति 10 ग्राम शहद प्रतिदिन की उपलब्धता हो पाती है, जबकि स्वस्थ रहने के लिए 50 ग्राम प्रतिव्यक्ति शहद रोज उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ के साथ 50 मौन बॉक्स रखने से आय में तीन से चार लाख तक वृद्धि के बारे में भी बताया।
मधुमक्खी पालन का समय सितंबर से होता है उपयुक्त
आइसीएआर पूसा के पूर्व वैज्ञानिक डा. आर. सिंह ने कहा कि मधुमक्खी पालन का समय सितंबर से उपयुक्त होता है। झारखंड में करंज उत्पादित मधु औषधीय गुणों से भरपूर होती है। वाराणसी में सरसों, यूकेलिप्टस आदि से शहद उत्पादन की बड़ी संभावनाएं हैं। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने नेशनल बी बोर्ड तथा केंद्र सरकार से प्रस्तावित नई योजनाओं की जानकारी दी। बताया कि शहद को निर्यात कर स्वरोजगार का स्तंभ बनाया जा सकता है। बचाऊ लाल, सुनील कुमार भास्कर उद्यान ने भी विचार रखे। संचालन ज्योति ङ्क्षसह व धन्यवाद गोरखनाथ ङ्क्षसह ने दिया।