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नई पहल : बस एक क्लिक करते ही खुल जाएगी शस्त्र धारकों की नई व पुरानी कुंडली

आजमगढ़ में ट्वीटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए आम जनता की समस्याएं पहले से ही पुलिस सुलझाने को प्रयासरत हैं, अब जिला प्रशासन द्वारा नई पहल की गई है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 08:03 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:03 AM (IST)
नई पहल : बस एक क्लिक करते ही खुल जाएगी शस्त्र धारकों की नई व पुरानी कुंडली
नई पहल : बस एक क्लिक करते ही खुल जाएगी शस्त्र धारकों की नई व पुरानी कुंडली

आजमगढ़ [मनोज जायसवाल]। ट्वीटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए आम जनता की समस्याएं पहले से ही पुलिस सुलझाने को प्रयासरत है। इसी के साथ ही थाने व पुलिस कार्यालयों की भागदौड़ व चक्कर लगाने से लोगों को बचाने के लिए आनलाइन एफआईआर, चरित्र प्रमाण पत्र समेत अन्य समस्याओं का समाधान करने में भी जुटी हुई है। अब अपराधियों के डाटा संग लाइसेंसी शस्त्र धारकों का भी पूरा लेखा जोखा पुलिस सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) में फीडिंग करने का कार्य शुरू करा दिया है। लाइसेंसी शस्त्र धारकों का ब्योरा एनआईसी के एचआर पोर्टल पर फीड होते ही पुलिस के अधिकारी कहीं से भी बैठकर किसी भी लाइसेंसी शस्त्र धारक की पूरी कुंडली एक क्लिक कर खंगाल सकेंगे।

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एनआईसी पोर्टल में अपलोड होगी डिटेल : लाइसेंसी शस्त्रधारकों का पूरा रिकार्ड डिजिटलाइजेशन होते ही पुलिस कहीं से भी किसी शस्त्र धारकों के बारे में कुछ भी जानकारी चाहेगी तो उसे एनआईसी के पोर्टल को सिर्फ एक क्लिक करना होगा। लाइसेंसी शस्त्र धारको का पूरा डिटेल महज एक क्लिक पर उसे आसानी के साथ उपलब्ध हो जाएगा। बाद में शस्त्रधारकों का पूरा डाटा आनलाइन करने की भी योजना है।

खत्म होगा कागजों का अंबार : वर्तमान में पुलिस विभाग के थाने से लगायत डीएम कार्यालय तक शस्त्र विभाग में लाखों की संख्या में लाइसेंसी शस्त्रधारकों का रिकार्ड रखा गया है। यह आजादी के दौर के वक्त से चल रहा है। अब इन दस्तावेजों को सुरक्षित रख पाना पुलिस के साथ ही शस्त्र विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के लिए मुश्किल हो गया है। अगर पुराने शस्त्र धारक के पत्रावली की तलाश करना हो तो यह भी बेहद मुश्किल है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यूपी पुलिस ने शासन को प्रस्ताव भेजकर लाइसेंसी शस्त्र धारकों के रिकार्ड को डिजिटलाइजेशन कराने की गुजारिश की थी। जिस पर शासन ने मंजूरी दी। प्रोफार्मा में शस्त्र धारक के फोटो के साथ ही कुल 17 बिंदु शामिल हैं। इसमें लाइसेंसी शस्त्र धारक का नाम, रिश्तेदार का नाम आदि शामिल है।

जनपद में मौजूद लाइसेंसी शस्त्र धारक : जिले में लगभग 16 हजार 282 लाइसेंसी शस्त्र धारक हैं। जिनमें से 1205 के पास रायफल, साढ़े ग्यारह हजार के पास एसबीबीएल व दो सौ के पास डीबीबीएल बंदूक हैं। इसी प्रकार से उन्नीस सौ लोगों के पास रिवाल्वर व पिस्टल हैं। जबकि इसके अलावा गैर प्रांत से जारी लाइसेंसी शस्त्र धारकों की संख्या कितनी है, इसका डिटेल शस्त्र विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है। जिले में कितने शस्त्र लाइसेंसी धारक है इसका पूरा रिकार्ड पुलिस के पास मौजूद नहीं है। शस्त्र कार्यालय व पुलिस थाने के रिकार्ड में भी शस्त्र धारकों की संख्या में भिन्नता है। कौन शस्त्रधारक आपराधिक छवि वाले हैं व किस का आचरण सही है। इसकी पहचान करना भी मुश्किल है। सीसीटीएनएस में शस्त्र धारकों का ब्यौरा डिजिटलाइजेशन होने के बाद देश के किसी भी हिस्से में बैठकर पुलिस के कोई भी अधिकारी किसी शस्त्र धारक की पूरी जानकारी एक क्लिक पर हासिल कर सकते हैं। -बबलू कुमार, पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़।


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