सेना भर्ती के लिए 4496 युवा दौड़े, अगले दौर में पहुंचने को मौका मिला सिर्फ 309 को
गाजीपुर के 4496 युवाओं ने गुरुवार को सेना भर्ती रैली की दौड़ में दमखम दिखाया। हालांकि केवल 309 युवाओं ने ही दौड़ में ऐसा दमखम दिखाया कि उनको अगले दौर में जाने का मौका मिला।
वाराणसी,जेएनएन। परमवीर चक्र विजेता और पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 1965 में हुए युद्ध में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय वीर अब्दुल हमीद के गृह जनपद गाजीपुर के 4496 युवाओं ने गुरुवार को सेना भर्ती रैली की दौड़ में दमखम दिखाया। हालांकि केवल 309 युवाओं ने ही दौड़ में ऐसा दमखम दिखाया कि उनको अगले दौर में जाने का मौका मिला। रणबांकुरे स्टेडियम में चल रही भर्ती में गाजीपुर के मुहम्मदाबाद और जखानियां तहसील के 6674 युवाओं ने पंजीकरण कराया था। भर्ती निदेशक कर्नल आरएस ठाकुर के अनुसार शुक्रवार को होने वाली दौड़ के लिए गाजीपुर के कासिमाबाद तथा मीरजापुर के चुनार व मीरजापुर तहसील के 7156 युवाओं ने पंजीकरण कराया है।
चप्पे-चप्पे पर है निगाह : रणबांकुरे स्टेडियम के आसपास सेना और नागरिक पुलिस के जवान लोगों को एक जगह एकत्र नहीं होने दे रहे हैं। रणबांकुरे स्टेडियम व सेना भर्ती कार्यालय के बाहर भी सेना के जवान तैनात हैं। सेना भर्ती कार्यालय से जारी फोटोयुक्त परिचयपत्र रखने वालों को ही अंदर जाने की अनुमति मिल रही है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक सीसी टीवी कैमरों से भी भर्ती क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। दलालों की सूचना पुलिस को दें कोई व्यक्ति या संस्था धन मंगाती है या वादा करती है कि वह आपको सेना में भर्ती करा देगी तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। सेना भर्ती रैली के अभ्यर्थियों का ट्रेन में कब्जा सेना भर्ती रैली के अभ्यर्थियों का गुरुवार को गाजीपुर और मीरजापुर रूट पर चलने वाली ट्रेनों में कब्जा था। कैंट स्टेशन से गुजरने वाली पवन एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस, बेगमपुरा एक्सप्रेस और दुर्ग- नौतनवा एक्सप्रेस की सभी बोगियां लड़कों से पैक हो गई थीं। अभ्यर्थियों की भीड़ में शामिल शरारती तत्वों के चलते आरपीएफ और परिचालन विभाग के कर्मचारी बार- बार चेनपुलिंग की शिकायत पर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक दौड़ते रहे। गाजीपुर के कासिमाबाद और मीरजापुर के चुनार तहसील से 7 हजार एक सौ 56 युवक भर्ती रैली में शारीरिक दक्षता की परीक्षा में हिस्सा लेने पहुंचे थे। किसी प्रकार की अनहोनी से निबटने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के जवान पूरे परिसर में चक्रमण करते रहे। वहीं दूसरी और कैंट स्थित रोडवेज बस डिपो में युवकों की भीड़ नियंत्रित करने को अतिरिक्त बसें लगाई गई थीं।