वाराणसी में हालमार्क वाले आभूषण के लिए महज 24 फीसद ने ही पंजीकरण कराया
आभूषणों पर हालमार्किंग अनिवार्य हो चुकी है। नया कानून एक दिसंबर से प्रभावी हो गया है। ग्राहक इसे शुद्धता की गारंटी मानते हुए खुश हैं। तो सराफा बाजार के जानकार इसे आभूषणों में मिलावट पर चोट बता रहे हैं। खरीदारों का भरोसा भी हालमार्क ने जीता है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। सोने के आभूषणों पर हालमार्किंग अनिवार्य हो चुकी है। नया कानून एक दिसंबर से प्रभावी हो गया है। ग्राहक इसे शुद्धता की गारंटी मानते हुए खुश हैं। तो सराफा बाजार के जानकार इसे आभूषणों में मिलावट पर चोट बता रहे हैं। खरीदारों का भरोसा भी हालमार्क ने जीता है। वहीं बड़े आभूषण कारोबारी भी नए नियम का स्वागत कर रहे हैं। शोरूम के साथ-साथ बड़ी दुकानों में हालमार्किंग वाले आभूषण ही बेचे जा रहे हैं। इन सब के बीच कुछ पेचीदगियों से छोटे कारोबारी परेशान हैं। इस नियम से सबसे ज्यादा परेशान गांवों, कस्बों के दुकानदार हैं। उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ की मानें तो जिले में करीब 16 सौ दुकानें पंजीकृत हैं। जबकि बीआइएस में महज 24 फीसद कारोबारी ही पंजीकरण कराए हैं।
नियमानुसार गली, मुहल्लों के छोटे सराफा दुकानों को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ के जिलाध्यक्ष किशोर कुमार सेठ ने बताया कि इस नियम से ग्राहकों का हित तो सुरक्षित है। लेकिन उन्होंने छोटे कारोबारियों की समस्या के बारे में बताते हुए कहा कि आभूषण कारोबारियों के यहां स्टाक में मौजूद पुराने गहनों के लिए सरकार ने फैसले में बदलाव का वादा किया था, जिसमें अभी कुछ नहीं हुआ। बड़े आभूषण कारोबारियों ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर मियाद बढ़ाने की बात की थी। उस समय इसे एक जनवरी 2022 के बाद लागू करने की बात सरकार की ओर से कहा गया था। बताया कि जीएसटी के नियमों की तरह इसमें भी कई खामियां हैं। जिसके बारे में आभूषण कारोबारियों को जानकारी नहीं है। नियम लागू करने से पहले जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
अब बीआइएस की टीम डालेगी डेरा, चिंतित है कारोबारी : सरकार की ओर से बीआइएस के नियम लागू करने की मियाद न बढ़ाने के बाद कारोबारियों में अब कार्रवाई का डर सता रहा है। हालमार्क सेंटर संचालक हिमांशु सिंह ने बताया कि यदि प्रभावी नियम की तिथि नहीं बढ़ी तो लखनऊ से कभी भी बीआइएस की टीम आ सकती है। जो किसी भी दुकान से नमूना लेकर जांच कर सकती है। बिना हालमार्क के आभूषण बेचने पर कारोबारी पर उपलब्ध स्टाक का पांच गुना जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही उसका व्यापारिक लाइसेंस पांच साल तक के लिए बैन कर दिया जाएगा। साथ ही कारावास की सजा भी हो सकती है।