फल-सब्जियों के एक्सपोर्ट और ट्रांसपोर्ट पर एक करोड़ का अनुदान, कृषि उत्पादन आयुक्त की खरीफ गोष्ठी
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा कहा कि इंटर स्टेट व एक्सपोर्ट पर ट्रांसपोर्टेशन में एक करोड़ रुपये तक अनुदान का प्रावधान है।
वाराणसी, जेएनएन। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा कहा कि इंटर स्टेट व एक्सपोर्ट पर ट्रांसपोर्टेशन में एक करोड़ रुपये तक अनुदान का प्रावधान है। इसका फलों-सब्जियों के एक्सपोर्टरों को लाभ दिलाया जाए। अब मुद्दा मार्केटिंग चैनल बढ़ाकर उत्पाद का अधिक से अधिक मूल्य किसान को उपलब्ध कराने का है। इससे ग्रामीण आॢथक संरचना सुदृढ़ होगी। किसान संगठित होकर उत्पादन, पैकेजिंग व मार्केटिंग करें। फूड प्रोसेसिंग यूनिटों के बढ़ावा पर जोर दिया जाए। प्रवासी कामगारों को अधिक नियोजित करने की प्लानिंग कर कार्यवाही हो।
कृषि उत्पादन आयुक्त गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से वाराणसी, मीरजापुर और प्रयागराज मंडलों की खरीद गोष्ठी की। इस दौरान एनआइसी में मौजूद कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय लोगों को एक्सपोर्ट के क्षेत्र में लाया जा रहा है। इससे और मार्केटिंग बढ़ेगी। लॉकडाउन के दौरान ही विभिन्न सब्जियों, फलों जैसे बनारसी लंगड़ा आम, मटर, हरी मिर्च, खीरा, लौकी तथा काला चावल को देश के विभिन्न प्रदेशों एवं विदेशों में निर्यात शुरू कर दिया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने मार्केटिंग प्रमोट प्लानिंग की सराहना की। साथ ही बनारसी लंगड़ा आम को प्रमोट करने पर बल दिया। बताया गया कि बनारस में पैक हाउस की जरूरत है। इसकी प्लानिंग की जा रही है। कमिश्नर ने कृषि की तरह बागवानी के उपयोग में आने वाली मशीनरी का बागवानी मशीनरी बैंक की योजना लागू करने का सुझाव रखा। गोष्ठी में लखनऊ से विभिन्न विभागों कृषि, उद्यान, पशुपालन आदि विभागों के प्रमुख सचिवों ने प्रतिभाग किया। यहां कमिश्नर, डीएम, सीडीओ और अन्य विभागीय अधिकारी रहे।
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ का आर्थिक पैकेज
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सेवापुरी विकास खंड को समस्त योजनाओं से संतृप्त करने की योजना की जानकारी देते हुए खरीफ फसल की की गई व्यवस्थाओं से अवगत कराया। बताया कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की है। दुग्ध समितियों, दुग्ध उत्पादकों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाने, ढैया बीज पर 50 प्रतिशत अनुदान, धान की नर्सरी 18 से 21 दिन के बीच की लगाने पर जोर दिया जा रहा है। अच्छे मानसून की वजह से दलहन व तिलहन फसलों की खेत में पैड बनाकर उगाने पर जोर रहेगा। इस तकनीकी से फसल करने पर 1000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान का भी प्रावधान है।