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डेढ़ माह पहले टीजीटी परीक्षा में भी पकड़ा गया था साल्वर गैंग का सरगना, मास्टरमाइंड की तलाश

ठीक 44 दिन पहले 31 जुलाई 2021 को यूपी एटीएस ने भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। टीम ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी बायोलॉजी की परीक्षा में शामिल फर्जी परीक्षार्थी सहित तीन को कालभैरव क्षेत्र स्थित परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 08:10 AM (IST)
डेढ़ माह पहले टीजीटी परीक्षा में भी पकड़ा गया था साल्वर गैंग का सरगना, मास्टरमाइंड की तलाश
नीट परीक्षा में शामिल एक साल्वर गैंग का राजफाश किया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। साल्वर गैंग की मौजूदगी भी संक्रमण की तरह तकरीबन हर प्रतियोगी परीक्षाओं में दर्ज हो रही है। हालांकि खुफिया विभाग व एटीएस की सक्रियता के चलते इनके मंसूबों पर लगातार पानी भी फिर रहा है। इस बार बारी क्राइम ब्रांच की थी, जिसने नीट परीक्षा में शामिल एक साल्वर गैंग का राजफाश किया है। ठीक 44 दिन पहले 31 जुलाई 2021 को यूपी एटीएस ने भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। टीम ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी बायोलॉजी की परीक्षा में शामिल फर्जी परीक्षार्थी सहित तीन को कालभैरव क्षेत्र स्थित परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया था।

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दरअसल, यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई को प्रयागराज से इनपुट मिला था कि कालभैरव गली स्थित श्री वल्लभ विद्यापीठ बालिका इंटर कालेज में टीजीटी बायोलाजी की परीक्षा में एक फर्जी परीक्षार्थी शामिल है। इसके आधार पर एसटीएफ ने छापा मारा तो परीक्षा दे रहा फर्जी परीक्षार्थी रविंद्र कुमार चौरसिया पकड़ में आया। उसकी निशानदेही पर साल्वर गैंग का सरगना अशोक कुमार पाल व मूल अभ्यर्थी सुनील कुमार पाल भी पकड़े गए। इस बीच दूसरा मास्टरमाइंड बृजेश पाल फरार होने में कामयाब रहा। साल्वर गैग का सरगना व मूल परीक्षार्थी जौनपुर के, जबकि साल्वर रविंद्र चौरसिया आजमगढ़ के बवनी कला का रहने वाला था। एसटीएफ की वाराणसी यूनिट के डिप्टी एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया साल्वर गैंग के सरगना से मिली जानकारी से मास्टरमाइड बृजेश पाल व गिरोह में शामिल अन्य की तलाश की जा रही है। जल्द ही सभी सलाखों के पीछे होंगे।

अतिथिगृह की आड़ में चलता था खेल

गैंग के सरगना अशोक पाल ने प्रयागराज में अतिथिगृह खोल रखा था। लाज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को वह सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था। जाे भी उसके झांसे में आ जाता, वह उससे पैसा लेकर उसकी जगह परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी को बैठाता था।


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