प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर चंदौली में काला चावल की खेती पर डाक्यूमेंट्री, फिल्म बताएगी खूबियां
चंदौली के चर्चित काला चावल की खेती पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बन रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर मुंबई से बायोकाम की टीम जिले में पहुंची है। शुक्रवार को बरहनी ब्लाक के अमड़ा गांव में खेत में खड़ी काला चावल की फसल की शूटिंग की गई।
चंदौली, जेएनएन। चंदौली के चर्चित काला चावल की खेती पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बन रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर मुंबई से बायोकाम की टीम जिले में पहुंची है। शुक्रवार को बरहनी ब्लाक के अमड़ा गांव में खेत में खड़ी काला चावल की फसल की शूटिंग की गई। वहीं किसानों के साथ भी शूट किया गया। किसानों ने खेती के बारे में अपने अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लघु फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा।
मुंबई से बायोकाम टीम के निदेशक गगन जज अपनी सात सदस्यीय टीम लेकर अमड़ा पहुंचे। काला चावल की फसल को कैमरे में कैद किया। वहीं किसानों का भी फीड बैक लिया गया। किसानों ने कैमरे के सामने खेती के बारे में अपने अनुभव साझा किए। साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस की खूबियां भी गिनाईं। दरअसल सरकार काला चावल की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयासरत है। लघु फिल्म के जरिए लोगों को काला चावल की खूबियां बताई जाएंगी। वहीं औषधीय गुणों से भरपूर व गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर चावल की ब्रांडिंग की जाएगी। फिल्म में जिले का परिचय कराने के लिए नौगढ़ स्थित खूबसूरत पहाड़ी वादियों व झरने भी कैमरे में कैद किए जाएंगे। इसके अलावा पीडीडीयू जंक्शन की भी शूटिंग होगी। जिले के किसान पिछले तीन साल से काला चावल की खेती कर रहे हैं। चंदौली के काला चावल को कलेक्टिव मार्क भी मिल चुका है। वहीं विदेशों में इसकी डिमांड बढ़ी है। जिलाधिकारी नवनीत ङ्क्षसह चहल की पहल से किसानों में काला चावल की खेती के प्रति रुझान बढ़ा है। पीएम वाराणसी के हस्तकला संकुल में प्रदर्शनी में लगे काला चावल की तारीफ कर चुके हैं। केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर इस पर डाक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण किया जा रहा है। सीडीओ, बरहनी बीडीओ एमपी चौबे, कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल, उद्योग उपायुक्त गौरव मिश्र, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार भारती समेत अन्य अधिकारी डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण के दौरान मौजूद रहे। वहीं किसान शशिकांत राय, रतन सिंह, वीरेंद्र सिंह, कमलेश सिंह, मेजर अशोक सिंह, अनीश पटेल आदि से बात कर उनके अनुभव पूछे गए।