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26 दिसंबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण, काशी समेत दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में कंकाकृत रूप में देखा जा सकेगा

जाते साल (2019) में अंतिम व पांचवां ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा। यह पौष अमावस्या 26 दिसंबर को लग रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 08:39 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 06:54 PM (IST)
26 दिसंबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण, काशी समेत दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में कंकाकृत रूप में देखा जा सकेगा
26 दिसंबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण, काशी समेत दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में कंकाकृत रूप में देखा जा सकेगा

वाराणसी, जेएनएन। जाते साल (2019) में अंतिम व पांचवां ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा। यह पौष अमावस्या 26 दिसंबर को लग रहा है। इसे देश के अधिकांश क्षेत्रों में खंड सूर्य ग्रहण के रूप में तो काशी समेत दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में कंकाकृत रूप में देखा जा सकेगा। यह सूर्य के मूल नक्षत्र धनु राशि पर लग रहा है।

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ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार सूर्य ग्रहण का स्पर्श सुबह 8.20 बजे, मध्य 9.40 बजे और मोक्ष 11.13 बजे होगा। ग्रहण का संपूर्ण काल 2.53 घंटा और ग्रासमान 17.01 होगा।

कंकाकृत सूर्य ग्रहण भारत के अतिरिक्त अरब, श्रीलंका, मलेशिया, फिलीपिंस के समुद्री क्षेत्र में दृश्य होगा। भारतीय समय अनुसार सुबह 9.04 बजे कंकाकृत सूर्य ग्रहण का प्रारंभ सूर्योदय के समय अरब क्षेत्र में होगा। इसे खंड सूर्य ग्रहण रूप में संपूर्ण भारत के साथ ही चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस के सुदूर दक्षिण भाग, जापान, आस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र, पश्चिमी रूस, तुर्की, पूर्वी अफ्रीका, पूर्वी अरब, हिंद महासागर, इंडोनेशिया, नेपाल, जापान, कोरिया द्वीप समूहों में देखा जा सकेगा। सूडान, ईरान, पश्चिम रूस, टर्की आदि स्थानों पर सूर्योदय के समय खंड ग्रहण का मोक्ष दृश्यमान होगा।

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ग्रहण की दृष्टि से 2020 अपने आप में खास होगा। इसमें सिर्फ दो ही ग्रहण लगेंगे और दोनों सूर्य ग्रहण ही होंगे। इसमें पहला 21 जून और दूसरा 14 दिसंबर को होगा। इन दोनों सूर्य ग्रहण में आषाढ़ अमावस्या को लग रहा पहला ग्रहण ही भारत में देखा जा सकेगा। यह अफ्रीका, दक्षिण पूर्व यूरोप, मध्य पूर्व के देशों में एशिया (उत्तर पूर्व रूस को छोड़कर), इंडोनेशिया और माइक्रोनेशिया में भी दिखाई देगा।

वहीं 2020 का आखिरी ग्रहण जो भारत में दृश्य नहीं होगा लेकिन दक्षिण प्रशांत महासागर, गैला पागोस आइसलैंड, दक्षिण अमेरिका (उत्तरी भाग को छोड़ कर), अंटर्काटिका, दक्षिण पश्चिम अफ्रीका के भागों में दिखाई देगा।


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