वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का 15 अगस्त, 1947 को विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति क्या थी इसका होगा निर्धारण
कथित विवादित स्थल श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का एक अंश है इसलिए एक अंश की धार्मिक स्थिति का निर्धारण नहीं किया जा सकता है बल्कि ज्ञानवापी के पूरे परिसर का भौतिक साक्ष्य लिया जाना जरूरी है।15 अगस्त 1947 को विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति क्या थी इसका निर्धारण किया जा सके।
वाराणसी, जेएनएन। ज्ञानवापी परिसर मामले में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील अदालत ने मंजूर कर ली। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने दलील दी थी कि वर्तमान वाद में विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति 15 अगस्त, 1947 को मंदिर की थी अथवा मस्जिद की, इसके निर्धारण के लिए मौके के साक्ष्य की आवश्यकता है।
चूंकि कथित विवादित स्थल श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का एक अंश है, इसलिए एक अंश की धार्मिक स्थिति का निर्धारण नहीं किया जा सकता है, बल्कि ज्ञानवापी के पूरे परिसर का भौतिक साक्ष्य लिया जाना जरूरी है। ऐसा इसलिए ताकि 15 अगस्त, 1947 को विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति क्या थी इसका निर्धारण किया जा सके। मालूम हो कि प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से पैरवी कर रहे वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के लिए 10 दिसंबर 2019 को रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने से संबंधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था।
कमेटी के लिए विशेष निर्देश
1. कमेटी विवादित स्थल के धार्मिक निर्माण के प्रत्येक भाग में प्रवेश कर सकेगी
2. जीपीआर (ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार) अथवा जिओ रेडियोलॉजी सिस्टम अथवा दोनों के प्रयोग की अनुमति
3. कमेटी सर्वे कार्य की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराएगी।
4. विवादित स्थल पर नमाज अदा करने में रुकावट न हो।
5. कमेटी का दोनों समुदायों से समभाव का व्यवहार होगा।
6. समस्त सर्वे कार्य ढंककर किया जाएगा।
7. न तो पर्यवेक्षक और न ही कमेटी का कोई सदस्य सर्वे के बारे में मीडिया से बात करेगा।
8. किसी भी पक्षकार को कमेटी को निर्देश देने का अधिकार नहीं होगा।
आगामी कार्रवाई की प्रतीक्षा करेंगे
वाराणसी की अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पुरातात्विक सर्वे कराने का फैसला दिया है। हम इसे महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। आगामी कार्रवाई की प्रतीक्षा करेंगे।
-आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद
काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में जीत दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा
यह फैसला वर्षों से चले आ रहे काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में जीत दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। खोदाई से स्पष्ट हो जाएगा कि यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था।
-विष्णु शंकर जैन, राम मंदिर मामले में पैरवी करने वाले अधिवक्ता एवं विश्वनाथ मंदिर मामले से जुड़े शृंगार गौरी मंदिर मामले में वादी