शराबबंदी होती है तो ठीक है अन्यथा पार्टी गठबंधन पर विचार करेगी : आेम प्रकाश राजभर
सपा और बसपा दाेनों दगे हुए कारतूस हैं, यह दोनों दल 2014 चुनाव और 2017 के विस चुनाव में दशा देख चुके हैं, इन दोनों का गठबंधन अपने अस्तित्व बचाने को लेकर है।
बलिया, जेएनएन। सपा और बसपा दाेनों दगे हुए कारतूस हैं, यह दोनों दल 2014 का लोकसभा चुनाव और 2017 के विधान सभा चुनाव में अपनी दशा देख चुके हैं। इन दोनों का गठबंधन अपने अस्तित्व बचाने को लेकर है। उक्त बातें प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को कसबा के बरयां में धर्मेंद्र सिंह के आवास पर एक कार्यक्रम में पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। इस दौरान वह अपनी सरकार के प्रति भी हमलावर रहे।
कुंभ स्नान के सवाल पर उन्होंने कहा कि 38 हजार करोड़ रूपये के बजट के बाद भी गंगा साफ नही हुई। लेकिन प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पिछड़े गरीब मजलूम के जो एक करोड़ 70 लाख बच्चे पढते है। जिनको 72 साल से जो नेता अपनी सरकार में जमीन पर टाट पर बैठाने का पाप किये हैं वही सभी कुंभ नहा रहे हैं उनके पाप धुले या ना धुले लेकिन ऐसे लोग गंगा को और दूषित कर देंगे। भाजपा के सहयोगी बने रहने के सवाल पर ओम प्रकाश ने कहा कि बीते 28 साल से पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले 27% आरक्षण में अति पिछड़ा व सर्वाधिक पिछड़ा का हिस्सेदारी और शराबबंदी हो जाती है तो ठीक है अन्यथा पार्टी इस पर विचार करेगी।
उन्होने कहा इस संदर्भ में बीते दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से वार्ता के बाद आश्वासन मिला था कि चुनाव से छः माह पूर्व मांगें पूरी की जायेंगी। चुनाव में अब तो 60 दिन ही शेष बचे है लेकिन हमारी मांगें अधूरी है। जबकि दूसरी स्वागत योग्य गरीब सवर्णों को आरक्षण 48 घंटे में दे दिया गया। हमारी मांग पूरी ना होने की सूरत में सुभासपा प्रदेश के 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को वाराणसी में आयोजित पार्टी की बैठक में इस पर विशेष चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में पिछड़ों की संख्या 38% है। यह जिसका साथ देगी झंडा उसी का लहरायेगा। इस अवसर संजय सिंह, आलोक पाण्डेय, पवन सिंह सहित भारी संख्या पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।