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वाराणसी में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पुरानी व्यवस्था हुई बहाल, जानें कैसे होगा कार्य

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी ने बताया कि इस आशय का मौखिक निर्देश नगर आयुक्त प्रणय सिंह द्वारा दिया गया है कि अगले आदेश तक पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी। साथ ही निदेशक जनगणना से पत्राचार करते हुए उनके मार्गदर्शन का इंतजार किया जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 06:00 AM (IST)
वाराणसी में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पुरानी व्यवस्था हुई बहाल, जानें कैसे होगा कार्य
वाराणसी में अगले आदेश तक पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी

वाराणसी, जागरण संवाददाता। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम प्रशासन ने फिर से पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है। बच्चों के नामांकन को लेकर अभिभावकों को हो रही परेशानी तथा बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर नगर निगम प्रशासन ने यह कदम उठाया है। अब अगले आदेश तक नगर निगम में ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनेगा। बीते 16 जनवरी को दैनिक जागरण में नई व्यवस्था में नहीं बन पा रहा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शीर्षक से अभिभावकों व आम जनता को हो रही परेशानी से संबंधित खबर प्रकाशित की गई थी। इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने पुरानी व्यवस्था बहाल करते हुए लोगों को राहत दी।

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नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी ने बताया कि इस आशय का मौखिक निर्देश नगर आयुक्त प्रणय सिंह द्वारा दिया गया है कि अगले आदेश तक पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी। साथ ही निदेशक जनगणना से पत्राचार करते हुए उनके मार्गदर्शन का इंतजार किया जाएगा। उनका मार्गदर्शन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहना न होगा कि जनगणना निदेशक के निर्देश के आलोक में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम नगर निगम के सभी पांच जोन में स्थानांतरित करते हुए जोनल अधिकारी को इसके लिए रजिस्टार बना दिया गया था। लेकिन इस काम को करने में जोनल अधिकारियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। उनका तर्क था कि मृत्यु को लेकर डाक्टर जो कारण बताते हैं या पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सही विश्लेषण चिकित्सक के द्वारा ही किया जा सकता है। ऐसे में उन्हें इस काम को लेकर विवाद बढ़ने की भी संभावना नजर आ रही थी।

जोनल अधिकारियों ने नगर आयुक्त से मिलकर भी अपनी समस्या से अवगत कराया था। जोनल अधिकारियों के हाथ खड़ा करने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का काम लगभग ठप पड़ गया था। ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गई थी। खासतौर से उन अभिभावकों को मुश्किल हो रही थी, जिन्हें अपने बच्चों का नामांकन कराना था। विद्यालयों में नामांकन का दौर शुरू है, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र के अभाव में अभिभावक परेशान थे। अभिभावकों ने पार्षदों से भी इसे लेकर गुहार लगाई थी। पार्षदों ने भी नगर आयुक्त से अविलंब इस समस्या के समाधान की मांग की थी। इसके बाद समाधान निकलने तक पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया गया।


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