बैलेट पर कब्जा जमाने वाली पुरानी ईवीएम निष्प्रयोज्य, निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कंपनी को होने लगी वापस
गोदाम में लंबे समय से पड़े एम-वन ईवीएम को निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया है। यह सभी मशीनें भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड गाजियाबाद जाएंगी।
वाराणसी, जेएनएन। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर इस वक्त लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में एम-थ्री मॉडल ईवीएम का ही प्रयोग हो रहा है। गोदाम में लंबे समय से पड़े एम-वन ईवीएम को निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया है। यह सभी मशीनें भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड गाजियाबाद जाएंगी। वाराणसी को इस कार्य के लिए सेंटर बनाया गया है। जौनपुर, गाजीपुर व भदोही की मशीनें भी यहीं आएंगी। इसके बाद बाकायदा नोडल अधिकारी की देखरेख में इन्हें कंपनी को भेजा जाएगा। हालांकि एम वन और एम-टू मॉडल की मशीनें अभी गोदामों में बहुत पड़ी हैं। कई कोर्ट केस में फंसी हैं।
कंपनी को जाने वाली मशीनें
-वाराणसी से 40 बैलेट यूनिट व 715 कंट्रोल यूनिट
-जौनपुर से 18 बैलेट यूनिट व 36 कंट्रोल यूनिट
-गाजीपुर से 500 बैलेट यूनिट व 500 कंट्रोल यूनिट
-भदोही से सिर्फ 190 कंट्रोल यून
वर्ष 2005 तक हुई इस्तेमाल
निर्वाचन कार्यालय से जुड़े लोगों का कहना है कि बैलेट के बाद एम-वन मॉडल के ईवीएम से ही सबसे पहले वर्ष 2000 से 2005 तक के लोकसभा व विधानसभा चुनाव हुआ। इसके बाद एम-टू माडल की मशीनें आर्ईं। हालांकि वर्ष 2013 से अब एम -थ्री ईवीएम का ही इस्तेमाल हो रहा है। उप सहायक निर्वाचन अधिकारी डीएस उपाध्याय ने बताया कि पुरानी मशीनें उपयोग में न आने के कारण निष्प्रयोज्य कर दी जाती है। एम वन मशीनें भी उसी कड़ी का हिस्सा है। तकनीकी जानकारों की मानें तो भविष्य में जो भी चुनाव होंगे, वह वीवीपैट के माध्यम से होंगे। ऐसे में पुरानी पड़ चुकी ईवीएम काम नहीं करेगी। इसे ध्यान में रखकर निर्वाचन आयोग ने इसे नष्ट करने का निर्देश दिया है। चूंकि ईवीएम का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीईएल ने किया है, इसलिए उसे ही यह काम दिया गया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आदेश निर्गत कर सभी उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को नियमों का पालन करते हुए नष्ट करने का निर्देश दिया है।