वाराणसी को जाम मुक्त शहर करने में फेल अधिकारी, गलत दिशा में घुसे वाहन सुचारू यातायात में बन रहे बाधा
जाम मुक्त शहर करने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयास फेल होते दिखाई पड़े रहे हैं। शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब जाम से लोगों को दो - चार नहीं होना पड़ा हो। अधिकारियों की सख्ती के बावजूद सभी क्षेत्रों में जाम लगना फितरत बन गई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जाम मुक्त शहर करने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयास फेल होते दिखाई पड़े रहे हैं। शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब जाम से लोगों को दो - चार नहीं होना पड़ा हो। अधिकारियों की सख्ती के बावजूद सभी क्षेत्रों में जाम लगना फितरत बन गई है। ऐसा लगने लगा है कि इससे मुक्ति नहीं मिलने वाली है। पिछले दिनों जाम लगने वाले दर्जन भर स्थान चिह्नित तो किए गए, लेकिन उन क्षेत्रों में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। मंगलवार को भी लंका, भेलूपुर, कमच्छा, रथयात्रा, सिगरा, कैंट, लहरतारा, चौकाघाट, लहुराबीर, चेतगंज, बेनियाबाग, मैदागिन, पांडेयपुर, पहडिय़ा आदि क्षेत्रों में वाहन रेंगते रहे। राहगीरों को बिलबिलाने को मजबूर होना पड़ा। आज शहर की कोई ऐसी सड़क नहीं है, जिसे यातायात की दृष्टि से अनुकूल कहा जा सकता हो।
पिछले दिनों यातायात व्यवस्था का सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों ने सड़क पर उतरकर अतिक्रमण अभियान की शुरूआत की, लेकिन एक सप्ताह बाद ठप पड़ गया।
रिंग रोड चालू होने के बाद भी कम नहीं हो रहा ट्रैफिक का भार
शहर में ट्रैफिक का भार कम करने के लिए रिंग रोड का निर्माण हुआ। उस पर यातायात की शुरूआत भी हो गई, लेकिन जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। फ्लाई ओवरों के निर्माण का मकसद भी सुचारू यातायात ही रहा, शहर को कमिश्नरेट का दर्जा मिला और पुलिस को संसाधनों से लैस भी कर दिया गया, लेकिन तमाम कोशिशें धड़ाम होती दिख रही हैं। पिछले एक हफ्ते से रोजाना जिस भीषण जाम से लोग गुजर रहे हैं, उससे हर कोई सड़को पर निकलने से पहले भगवान से मनाता है कि कहीं जाम न मिले।
बेतरतीब खड़े वाहन बन रहे जाम के सबब
सड़क किनारे फुटपाथ पैदल चलने के लिए बनाए गए पर उस पर लोग वाहन खड़े कर दे रहे हैं। इसके चलते पैदल चलने वाले भी सड़क पर चलने को मजबूर हैं। यातायात व्यवस्था को बेपटरी करने में भले ही बहुत से कारक जिम्मेदार हैं, लेकिन बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन प्रमुख रूप से जाम लगने के लिए जिम्मेदार हैं। लंका क्षेत्र में एक माल में अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था होने के बावजूद सामने ही दो पहिया वाहन खड़े किए जा रहे हैं। इस पर कार्रवाई होना तो दूर पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है। गलत लेने में चलने वाले वाहन भी जाम के लिए जिम्मेदार हैं। इन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गत दिनों पुलिस आयुक्त ने सख्ती दिखाई और कैंट सर्किल के यातायात निरीक्षक को निलंबित किया था। इसका थोड़ा असर दिखाई पड़ा कि थानों की पुलिस अब सड़क पर ट्रैफिक कंट्रोल करने में जुट गई है।