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वाराणसी में ओडीओपी : बनारसी साड़ी का सामान्य सुविधा केंद्र जुलाई में, लकड़ी का खिलौना व गुलाबी मीनाकारी भी योजना में

साड़ी के लिए जगतपुर में सामान्य सुविधा केंद्र जुलाई 2022 तक तैयार हो जाएगा। डिजिटल और स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रोजेक्ट है। मशीनें जापान से आ रही हैं। इसके बनने से प्रत्यक्ष 50-60 लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां कोई भी साड़ी प्रिंट करा सकेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 07:30 AM (IST)
वाराणसी में ओडीओपी : बनारसी साड़ी का सामान्य सुविधा केंद्र जुलाई में, लकड़ी का खिलौना व गुलाबी मीनाकारी भी योजना में
बनारसी साड़ी का सामान्य सुविधा केंद्र जुलाई से शुरू किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। एक जनपद एक उत्पाद यानी ओडीओपी के तहत जिले में उत्पादन, विपणन और रोजगार को लेकर 2022 से लेकर 26 तक के लिए खाका तैयार किया गया है। तय समय में बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौने और गुलाबी मीनाकारी के उत्पाद और रोजगार में 12 से 15 फीसद बढ़ोतरी करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) बनाने से लेकर विपणन विकास सहायता और वित्तीय सहायता योजना समेत क्षमता विकास एवं टूल किट वितरण योजना का लाभ दिया जा रहा है।

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जुलाई 2022 में बनारसी साड़ी के लिए जगतपुर में सामान्य सुविधा केंद्र का संचालन शुरू हो जाएगा। जहां उत्पादन से लेकर विपणन तक के समस्त कार्य यानी कच्चा माल, डिजाइन, उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता सुधार, अनुसंधान एवं विकास, पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण तथा पैकेजिंग की सुविधाओं का विकास होगा। हालांकि अभी तक गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौना के लिए सामान्य सुविधा केंद्र की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। सूत्र बताते हैं कि इसके पीछे विभागीय पेच ज्यादा है।

एक नजर में बनारस के ओडीओपी

ओडीओपी कारोबार लक्ष्य निर्यात

बनारसी साड़ी - 1100 करोड़ - 1500 करोड़ 200 करोड़

लकड़ी के खिलौना - 40 करोड़ - 45 करोड़ 10 करोड़

गुलाबी मीनाकारी - पांच करोड़ - छह करोड़ अप्रत्यक्ष

मिला टूलकिट -250 साड़ी - 50 मीनाकारी - 100 लकड़ी का खिलौना

मिला प्रशिक्षण - 400

साड़ी के लिए जगतपुर में सामान्य सुविधा केंद्र जुलाई 2022 तक तैयार हो जाएगा

साड़ी के लिए जगतपुर में सामान्य सुविधा केंद्र जुलाई 2022 तक तैयार हो जाएगा। डिजिटल और स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रोजेक्ट है। मशीनें जापान से आ रही हैं। इसके बनने से प्रत्यक्ष 50-60 लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां कोई भी साड़ी प्रिंट करा सकेगा। लकड़ी के खिलौने और गुलाबी मीनाकारी के लिए भी सीएफसी बनना है। हम कह रहे हैं, लेकिन कोई तैयार हो तो जरूर बनवाएंगे।

- वीरेंद्र कुमार, उपायुक्त, उद्योग।


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