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Chandali में बजट के अभाव में अधर में 400 स्कूलों में पोषण वाटिका, उगेगी हरी सब्जियां

बजट के अभाव में स्कूलों में पोषण वाटिका बनाने का काम लटक गया है। जिले में 400 स्कूलों का चयन किया गया है लेकिन शासन स्तर से बजट जारी न होने की वजह से वाटिका नहीं बनाई गई। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 5000 रुपये आवंटित किए जाने थे।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 09:49 AM (IST)
Chandali में बजट के अभाव में अधर में 400 स्कूलों में पोषण वाटिका, उगेगी हरी सब्जियां
बजट के अभाव में स्कूलों में पोषण वाटिका बनाने का काम लटक गया है।

चंदौली, जेएनएन। बजट के अभाव में स्कूलों में पोषण वाटिका बनाने का काम लटक गया है। इसके लिए जिले में 400 स्कूलों का चयन किया गया है, लेकिन शासन स्तर से बजट जारी न होने की वजह से वाटिका नहीं बनाई गई। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 5000 रुपये आवंटित किए जाने थे। यहां उगाई जाने वाली सब्जियों का इस्तेमाल एमडीएम में किया जाना था। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया कराने के लिए पहल की गई है।
शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों से पुष्टाहार वितरण की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों में चावल, दाल, सूखा दूध व घी का वितरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि स्कूलों में पोषण वाटिका बनाने की योजना है। जिले के 400 परिषदीय स्कूलों का चयन योजना के तहत किया गया है। यहां पोषण वाटिका में हरी सब्जियां उगाई जानी है। मनरेगा के जरिए पोषण वाटिका बनाए जाने हैं। शिक्षा के साथ ही बाल विकास व पुष्टाहार विभाग को भी इसमें मदद करने का निर्देश है। शासन स्तर से पोषण वाटिका बनाने के लिए प्रत्येक विद्यालय के खाते में 5000 रुपये भेजे जाने थे। लेकिन अभी तक धनराशि नहीं मिली। इससे प्रक्रिया लटकी हुई है। हालांकि शासन के फरमान के बाद शिक्षा विभाग ने उपायुक्त मनरेगा व जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र भेजकर सूचित कर दिया है। पैसा आवंटित न होने से मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

अभिभावकों के खाते में पहुंच रही धनराशि

कोरोना के चलते विद्यालयों में पठन-पाठन ठप है। लेकिन छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील योजना का लाभ मिल रहा है। फिलहाल, एमडीएम धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जा रही है। वहीं कोटेदारों की ओर से प्रत्येक माह निर्धारित मात्रा में राशन का वितरण किया जा रहा है। स्कूल खुलने के बाद विद्यालयों में एमडीएम बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
मनरेगा के जरिए पोषण वाटिका बनाए जाने हैं

मनरेगा के जरिए पोषण वाटिका बनाए जाने हैं। वहीं बाल विकास व पुष्टाहार विभाग की भी जिम्मेदारी तय है। इसको लेकर उपायुक्त मनरेगा व डीपीओ को पत्र भेजा गया है। हालांकि अभी तक पोषण वाटिका बनाने के लिए शासन स्तर से प्रत्येक विद्यालय को आवंटित होने वाली 5000 रुपये धनराशि नहीं भेजी गई है। इससे मामला अधर में है।
नीरज सिंह, जिला समन्वयक, एमडीएम

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