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बेसिक शिक्षा विभाग: दर्जनभर विद्यालयों में बच्चों की संख्या 'शून्य'

वाराणसी में बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त जनपद में करीब एक दर्जन विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य हैं। इन विद्यालयों में एक भी बच्चे पंजीकृत नहीं हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 07:21 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 10:10 AM (IST)
बेसिक शिक्षा विभाग: दर्जनभर विद्यालयों में बच्चों की संख्या 'शून्य'
बेसिक शिक्षा विभाग: दर्जनभर विद्यालयों में बच्चों की संख्या 'शून्य'

वाराणसी, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त जनपद में करीब एक दर्जन विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य हैं। इन विद्यालयों में एक भी बच्चे पंजीकृत नहीं हैं। बावजूद मान्यता प्राप्त विद्यालयों में इनका अस्तित्व बना हुआ है। बीएसए ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों से ऐसे विद्यालयों की रिपोर्ट मांगी है ताकि इनकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जा सके।

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नियमानुसार लगातार तीन वर्षों तक छात्रसंख्या 'शून्य' होने की स्थिति में विद्यालयों की मान्यता स्वत: समाप्त मानी जाती है। हालांकि ऐसे विद्यालयों की मान्यता समाप्त करने के लिए विधिक प्रक्रिया अपनाना होता है। मसलन पहले मान्यता समाप्त करने वाली संस्था उन्हें नोटिस देगी। नोटिस के जवाब के आधार पर मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।

दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग मान्यता प्रदान करने के बाद निजी विद्यालयों की छात्रसंख्या पर नजर नहीं रखता।जनपद में करीब 1500 विद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है। इन विद्यालयों का यू-डायस कोड भी आवंटित है। बीएसए कार्यालय प्रतिवर्ष निजी विद्यालयों से भी छात्रसंख्या का आंकड़ा लेता है। इसके बावजूद वर्षों पूर्व मान्यता हासिल करने वाले बंद पड़े विद्यालयों पर विभागीय नजर नहीं होती है। यही कारण है कि विभागीय फाइलों में बंद होने के बावजूद यह विद्यालय अस्तित्व में बने हुए हैं। गत दिनों एक विद्यालय ने मान्यता वापस करने के लिए आवेदन भी किया है। 

'' जनपद में मान्यता प्राप्त सभी विद्यालय संचालित हो रहे हैं या नहीं। इस संबंध में सभी खंड शिक्षा शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है ताकि जिन विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य हो। उसकी मान्यता समाप्त किया जा सके ''। -जय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।


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