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अब ग्राम सभा की परिसंपत्तियों की रक्षा करेंगे युवा, मास्टर ट्रेनर व आइटी रिसोर्स बन गांव का करेंगे विकास

नई व्यवस्था के तहत प्रदेश सरकार युवाओं को ब्लॉक व ग्राम पंचायतों में मास्टर ट्रेनर व आइटी रिसोर्स के रुप में कार्य करने का मौका दे रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:35 PM (IST)
अब ग्राम सभा की परिसंपत्तियों की रक्षा करेंगे युवा, मास्टर ट्रेनर व आइटी रिसोर्स बन गांव का करेंगे विकास
अब ग्राम सभा की परिसंपत्तियों की रक्षा करेंगे युवा, मास्टर ट्रेनर व आइटी रिसोर्स बन गांव का करेंगे विकास

बलिया [अजित पाठक]। कोरोना संक्रमण के बाद उपजे हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। नित नई योजनाएं शुरू कर अधिकाधिक युवाओं को लाभांवित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह का एक निर्देश युवाओं के लिए सोने पे सुहागा साबित होगा। नई व्यवस्था के तहत प्रदेश सरकार युवाओं को ब्लॉक व ग्राम पंचायतों में मास्टर ट्रेनर व आइटी रिसोर्स के रुप में कार्य करने का मौका दे रही है।

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इस बाबत निदेशक का पत्र भी जिला मुख्यालय को प्राप्त हो चुका है। आदेश प्राप्त होने के बाद विभाग भी योजना बनाने में जुट गया है। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के समस्त विकास खंडों में  टेक्निकल कार्य हेतु मास्टर ट्रेनर व ग्राम पंचायतों में आइटी रिसोर्स पर्सन तैनात करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत ग्राम सभाओं में स्थित पंचायत कार्यालय में आइटी संबंधित कार्यों का संचालन एवं परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग का कार्य अब आइटी रिसोर्स पर्सन के जिम्मे होगी। वहीं इनको प्रशिक्षित करने का कार्य मास्टर ट्रेनर द्वारा की जाएगी। आइटी रिसोर्स पर्सन  पद के लिए इच्छुक व्यक्ति का संबंधित ग्राम पंचायत का निवासी होना अनिवार्य होगा।

हाईस्कूल पास कोई भी व्यक्ति जिसे हिंदी भाषा का अच्छा ज्ञान हो तथा स्मार्टफोन व कम्प्यूटर संचालन की पूर्ण जानकारी रखता हो इस पद के लिए योग्य होगा। वहीं विकास खंडवार चार मास्टर ट्रेनर भी रखे जाएंगे। जिनको निदेशालय द्वारा प्रशिक्षित कर आइटी रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित करने का कार्य सौंपा जाएगा। इस पद के लिए शासन स्तर से न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट निर्धारित की गई है। साथ ही दी भाषा का ज्ञान व मोबाइल तथा कम्प्यूटर कार्य में दक्ष होना जरुरी है। आदेश के मुताबिक मास्टर ट्रेनर के रूप में सीएससी संचालक या कम्प्यूटर प्रशिक्षित युवाओं को वरीयता दी जाएगी। इस संबंध में डीपीआरओ शशिकांत पांडेय ने बताया कि निदेशालय का पत्र प्राप्त हो चुका है। निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही विकास खंडों से निर्धारित प्रारूप में सूचना प्राप्त कर अग्रसारित कर दी जाएगी।


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