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अब ऑनलाइन होगा अंकपत्रों का सत्यापन, माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों के अभिलेखों की भी हो रही पड़ताल

शासन ने माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का भी नए सिरे से सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश पर सूबे के विभिन्न जनपदों से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्यापकों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 08:30 AM (IST)
अब ऑनलाइन होगा अंकपत्रों का सत्यापन, माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों के अभिलेखों की भी हो रही पड़ताल
शासन ने अध्यापकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का भी नए सिरे से सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। शासन ने माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का भी नए सिरे से सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश पर सूबे के विभिन्न जनपदों से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्यापकों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए रहे हैं। विश्वविद्यालय ने अंकपत्रों का सत्यापन भी शुरू कर दिया था। इस बीच कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ जाने से सत्यापन भी प्रभावित हुआ है। फिलहाल विश्वविद्यालय बंद चल रहा है। यही हाल देश के अन्य विश्वविद्यालयों का भी है। इसे देखते हुए यूपी बोर्ड ने विद्यालयों से ऑनलाइन परीक्षा अभिलेखों की जांच करने का निर्देश दिया है।

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में वर्ष 2010 से ही रिजल्ट ऑनलाइन है। इसी प्रकार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सहित सूबे के अन्य विश्वविद्यालयों ने परीक्षार्थियों का विवरण ऑनलाइन है। ऐसे में अब इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे भी सत्यापन किया जा सकता है। यही नहीं यूपी बोर्ड सहित अन्य बोर्डों का भी परीक्षा परिणाम भी अब ऑनलाइन सत्यापित किया जा सकता है। इसे देखते हुए बोर्ड ने विद्यालय स्तर व डीआइओएस स्तर पर संबंधित अध्यापकों का अंकपत्र सत्यापित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा संबंधित संस्था से भी भौतिक सत्यापन कराने का सुझाव दिया है। कुछ विश्वविद्यालयों में अंकपत्रों के सत्यापन के लिए बकायदा शुल्क निर्धािरित है। डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने ऐसी संस्था से प्रमाणपत्रों के सत्यापन की जिम्मेदारी प्रबंध तंत्र को सौंप दी है। इसके अलावा संबंधित अध्यापकों को भी अपने स्तर से प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल पूरे देश में कोरोना की लहर चल रही है। ऐसे में सत्यापन प्रक्रिया भी बाधित हुई है। अब जुलाई से सत्यापन में तेजी आने की संभावना है।

1130 शिक्षकों की डिग्री फर्जी

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री पर सूबे के विभिन्न जनपदों के परिषदीय विद्यालयों में 1130 शिक्षक अब भी नौकरी कर रहे हैं। इसमें वाराणसी में 28 शिक्षक भी शामिल है। जांच कर एसआइटी इसकी रिपोर्ट भी शासन को सौंप चुकी है। ऐसे शिक्षकों पर जल्द कार्रवाई ीहोने की संभावना है। कोरोना महामारी के चलते कार्रवाई की प्रक्रिया सुस्त चल रही है।


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