अब सितंबर में होंगी यूजी-पीजी की परीक्षाएं, काशी विद्यापीठ ने 21 जुलाई को बुलाई हेड-डीन की बैठक
शासन ने स्नातक के अंतिम खंड व स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर में कराने का निर्देश दिया है। सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक परीक्षाएं करा लेने का सुझाव है।
वाराणसी, जेएनएन। यूजीसी की गाइडलाइन को देखते हुए विश्वविद्यालयों ने इस वर्ष स्नातक प्रथम, द्वितीय तथा स्नातकोत्तर प्रथम, द्वितीय व तृतीय खंड के छात्रों को बगैर परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया है। वहीं शासन ने स्नातक (यूजी) के अंतिम खंड व स्नातकोत्तर (पीजी) अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर में कराने का निर्देश दिया है। सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक परीक्षाएं करा लेने का सुझाव दिया गया है। वहीं स्नातक अंतिम खंड का परीक्षा परिणाम 15 अक्टूबर तक तथा स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट 31 अक्टूबर तक जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। दरअसल कोरोना संक्रमण ने इस साल सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्कूल, कॉलेज बंद होने से छात्रों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे आॅनलाइन पठन-पाठन का सहारा लिया जा रहा है।
सभी विश्वविद्यालयों को भेजी गई यूजीसी की गाइड लाइन
इस संबंध में उच्च शिक्षा (प्रयागराज) के निदेशक डा. आरके चतुर्वेदी ने सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी की गाइड लाइन भेजी है। वहीं विश्वविद्यालयों से 23 जुलाई तक विस्तृत कार्ययोजना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने 21 जुलाई को हेड-डीन की बैठक बुलाई है। इसमें परीक्षा कराने की तिथि व प्रोन्नत करने की रूपरेखा तय की जाएगी। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि हेड-डीन के प्रस्ताव को परीक्षा समिति में भी रखा जाएगा।
संविवि में कार्ययोजना बनाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित
दूसरी ओर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विश्वेश्वर प्रसाद ने कार्ययोजना बनाने के लिए छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. रामपूजन पांडेय के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति में दर्शन संकाय के अध्यक्ष प्रो. सुधाकर मिश्र व सामाजिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. शैलेश कुमार मिश्र सदस्य बनाए गए हैं। समिति से 21 जुलाई तक कार्ययोजना कुलपति के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।