आपदा में कोविड मरीजों को लूटने वाले अब जाएंगे जेल, वाराणसी के जिलाधिकारी ने गठित की एनफोर्समेंट के लिए दो टीमें
वाराणसी में अब सभी मेडिकल सेवाओं की कीमत सुनिश्चित करने कालाबाजारी वास्ते एनफोर्समेंट के लिए दो टीमें गठित कर दी गई हैं । इस टीम में प्रशासन पुलिस स्वास्थ्य तथा आयकर विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। आपदा को अवसर बनाकर लूट मचाने वालों पर प्रशासन की भृकुटि तन गई है। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे। इसमें दवा की दुकान से लगायत अस्पताल आदि को शामिल किया गया हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि आपदा में अवसर तलाशने वालों की अनेकों शिकायतें प्रशासन को विभिन्न माध्यमों से मिल रही थीं। इन सबको दो दिन पूर्व बकायदा प्रेस कांफ्रेंस के जरिए चेतावनी भी दी गई थी कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की अन्य जरूरी कार्यों में व्यस्तता का नाजायज़ फायदा न उठाएं। जनता से निर्धारित और जायज़ कीमत ही वसूलें। हालांकि कुछ प्रतिष्ठानों और अस्पतालों ने इसे गंभीरता से लिया लेकिन अधिकतर ने इसे नजरअंदाज कर दिया। आक्सीजन की बहुत हद तक डिमांड पूरी की जा रही है। अब समय आ गया है कि जनसामान्य से ज्यादा कीमत वसूलने वालों पर कार्रवाई की जाए। किसी को लूट की छूट नहीं दी जाएगी।
अब सभी मेडिकल सेवाओं की कीमत सुनिश्चित करने, कालाबाजारी वास्ते एनफोर्समेंट के लिए दो टीमें गठित कर दी गई हैं । इस टीम में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य तथा आयकर विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। पहली बार जनपद में एनफोर्समेंट के कार्य हेतु आयकर के रेवेन्यु इंटेलिजेंस के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत पुलिस, प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ लगाया गया है। ये अस्पताल, मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन ट्रेडर्स में ग्राहकों से वसूल किये जाने वाली धनराशि के रिकॉर्ड चेक करेंगे तथा इसके अनुसार भविष्य में आयकर और GST का असेसमेंट करेंगे। जो धनराशि दवा दुकानों, पैथोलॉजी लैब, अस्पतालों, ऑक्सीजन वेंडर और अन्य मेडिकल सर्विस प्रोवाइडर द्वारा वर्तमान में ली जा रही या जमा कराई जा रही है, उसकी निर्धारित दरों और वस्तुओं के वास्तविक मूल्य से तुलना की जाएगी और प्रॉफिट मार्जिन निकाला जाएगा। इस प्रॉफिट मार्जिन को टैक्स की गणना का हिस्सा बनाया जाएगा। जनता से फीडबैक और गुप्त सूचना भी ली जाएगी। किस अस्पताल द्वारा इलाज में मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं। कम दिन के एडमिशन पर भी ज्यादा कीमत लेने, ऑक्सीजन की क्या कीमत ली जा रही है। इसके अलावा किस मेडिकल स्टोर पर दवा की कालाबाजारी की जा रही है, कौन ट्रेडर आक्सीजन की अधिक कीमत ले रहा है या इन कार्यों के लिए कहीं दलाल तो सक्रिय नहीं हैं। इनके लिये सक्रिय बिचौलियों की जानकारी भी ये टीमें इकट्ठा करेंगी।
प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कार्यवाही की जाएगी
बिचौलियों और दलालों की जानकारी करके उन्हें पकड़ा जाएगा और प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कार्यवाही की जाएगी। टीम के सदस्यों की विशेष ब्रीफिंग में बताया गया है कि किसी भी अस्पताल , मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन वेंडर आदि की शिकायतों की चेक करने के लिए जाएं तो सभी से इज्जत से पेश आएं, किसी तरह से छापेमारी तरह का माहौल ना बनाएं, किसी का अस्पताल या दुकान सील ना कराएं या मरीजों को देख रहे डॉक्टर को परेशानी न हो। इसके लिए केवल एकाउंट्स के रिकॉर्ड, ग्राहकों से ली जाने वाली धनराशि के विवरण, सप्लाई के बिल आदि ही चेक करें और एकाउंटेंट, मैनेजमेंट या सुपरिंटेंडेंट आदि अधिकारियों से ही ये डिटेल लें।
बिचैलियों और दलालों से सख्ती से निपटा जाए
रिकार्ड्स में जो प्रॉफिट मार्जिन पाया जाए उसे आयकर और GST विभाग नोट करे और भविष्य के असेसमेंट का हिस्सा बनाएं। किसी की भी मेडिकल सेवा बाधित ना करें। ये भी तय करें कि जो प्रॉफिट मार्जिन वर्तमान में चार्ज कर रहें हैं उसके अनुसार पूर्व वर्षों के भी असेसमेंट पुनरीक्षित करने की आवश्यकता है कि नहीं तथा कोई पूर्व की टैक्स लाइबिलिटी बन सकती है या नहीं। कुछ अस्पतालवार या मेडिकल दुकानवार शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो उस केस के सारे रिकॉर्ड देखे जाएं और अनियमितता हुई है तो उस पर कार्यवाही की जाए। अस्पताल या दुकानों में चेकिंग की सभी कार्यवाही सौहार्दपूर्ण तरीके से की जाए। परंतु बिचैलियों और दलालों से सख्ती से निपटा जाए। जब तक कोई आपत्तिजनक अनियमितता सामने न आए कार्यवाही आर्थिक स्तर पर ही की जाए ताकि अनियमितता करने वाले भविष्य में दीर्घ कालीन परिणाम भुगतें।
जिलाधिकारी ने कहा कि दो टीम ने कार्य करना शुरू कर दिया है। दो अस्पताल तथा दो बड़ी दवा की दुकानों के रिकार्ड्स चेक किए गए हैं। एक दो दिन बाद पुनः इनके रिकॉर्ड चेक होंगे।