अब पढ़ाई भी पेपरलेस होने की राह पर, ई-कंटेंट तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश
अध्यापकों को ई-कंटेंट तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया जा रहा है ताकि विद्यार्थी एप व वेबसाइट के माध्यम से कभी भी कहीं भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सके।
वाराणसी, जेएनएन। तकनीकी के इस दौर में पढ़ाई भी अब पेपरलेस की राह है। अध्यापकों को ई-कंटेंट तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया जा रहा है ताकि विद्यार्थी 'एप' व वेबसाइट के माध्यम से कभी भी, कहीं भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सके। वहीं विश्वविद्यालयों व कालेजों के अध्यापकों पर कोर्स पूरा कराने का दबाव भी खत्म हो जाएगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ स्थित केंद्रीय पुस्तकालय के समिति कक्ष में मंगलवार को आयोजित 'ई-कंटेंट डेवलपमेंट' विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन का यह निष्कर्ष रहा। वक्ताओं ने कहा कि तमाम विद्यार्थी प्रतिदिन क्लास में पढ़ने नहीं आते हैं। ऐसे में उनका कोर्स छूट जाता है।
वहीं वेबसाइट पर ई-कंटेंट होने से क्लास में कापी पर लिखने की बाध्यता खत्म हो जाएगी। विद्यार्थी अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन पढ़ सकता है। वहीं ऑनलाइन होने से पाठ्य सामग्री की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। यदि नकल करने ई-कंटेंट तैयार की जाएगी तो वह पकड़ ली जाएगी। एपीआइ का भी मिलेगा लाभ ई-कंटेंट बनाने वाले शिक्षकों को एपीआइ का भी लाभ मिलेगा। उन्हें इस पर 12 अंक मिलेगे जो पदोन्नति में सहायक होंगे। शिक्षकों को किया प्रशिक्षित आइक्यूएसी की ओर से आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि एमएमआइटी, प्रयागराज के प्रो. दिव्य कुमार ने अध्यापकों को 'ई-कंटेंट डेवलपमेंट' के मोबाइल एप्लिकेशन का प्रशिक्षण दिया।
कम से कम दो कंटेंट करें तैयार अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि शिक्षकों को कम से कम दो ई-कंटेंट तैयार करना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके लिए विश्वविद्यालयों को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करा रही है। स्वागत आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. केएस जायसवाल, संचालन डा. संदीप गिरी व धन्यवाद ज्ञापन डा. अनिल कुमार ने किया। सीबीएसई में हुई शुरूआत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने विद्यादान के तहत ई-कंटेंट की शुरूआत कर दी है। अंग्रेजी, ¨हदी, मैथ, साइंस व सोशल साइंस विषय में ई-कंटेंट मौजूद है। यह कंटेंट एनसीईआरटी सिलेबस के आधार पर तैयार किया गया है।