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वाराणसी में अब 108 करोड़ रुपये से सिस वरुणा पेयजल योजना बनेगी जनोपयोगी, 31 जुलाई को खुलेगी निविदा

एक दशक बाद भी सिस वरुणा क्षेत्र यानी पुराने शहर में पेयजल योजना जनोपयोगी नहीं हो सकी है। इसकी जड़ में कार्य के दौरान हुई धांधली है जिसको लेकर 19 अफसरों को निलंबित किया गया था और 17 सेवानिवृत्त अफसरों से वसूली का आदेश हुआ था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 06:40 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 06:40 AM (IST)
वाराणसी में अब 108 करोड़ रुपये से सिस वरुणा पेयजल योजना बनेगी जनोपयोगी, 31 जुलाई को खुलेगी निविदा
सिस वरुणा पेयजल योजना को जनोपयोगी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 108 करोड़ स्वीकृत किए हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। एक दशक बाद भी सिस वरुणा क्षेत्र यानी पुराने शहर में पेयजल योजना जनोपयोगी नहीं हो सकी है। इसकी जड़ में कार्य के दौरान हुई धांधली है जिसको लेकर 19 अफसरों को निलंबित किया गया था और 17 सेवानिवृत्त अफसरों से वसूली का आदेश हुआ था। अब एक बार फिर से सिस वरुणा पेयजल योजना को जनोपयोगी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 108 करोड़ स्वीकृत किए हैं। इस धनराशि से गड़बड़ी को दुरुस्त किया जाएगा। हालांकि, इस बड़ी धनराशि में पाइप के गैप को भरने का काम नहीं किया जाएगा जिसे दुरुस्त करने के लिए छह करोड़ अलग से बजट मिला है।

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जल निगम की तैयारी के अनुसार निविदा आमंत्रित कर दी गई है जिसे 31 जुलाई को उसे खोला जाएगा। इस दौरान जल निगम की शर्तों पर खरी उतरी कंपनी को कार्य की जिम्मेदारी दी जाएगी। कंपनी को भदैनी स्थित इंटैक वेल को दुरुस्त करने के साथ ही उसमें पंप स्थापित करने का कार्य करना होगा। इसके अलावा भेलूपुर में स्थापित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता में वृद्धि भी की जाएगी। इसके अलावा जहां कुछ ऐसी पाइपों को दुरुस्त किया जाएगा जिसकी वजह से ओवरहेड टंकियों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। ओवरहेड टंकियों, पंपों आदि में स्काडा का कार्य होगा तो डैमेज पाइप, लीकेज, गड़बड़ बूस्टर व पंप आदि दुरुस्त किए जाएंगे। गंगा जल स्रोत से नगर में तीन प्राथमिकता वाली तीन परियोजनाएं बनाई गईं जिसकी स्वीकृति अक्टूबर 2008 में मिली। तीनों परियोजनाओं का अनुमानित बजट करीब 700 करोड़ रुपये था। परियोजना को जमीन पर लाने के लिए शहर को दो हिस्सों में बांटा गया। वरुणापार इलाके को ट्रांस वरुणा जबकि दूसरे हिस्से को सिस वरुणा का नाम दिया गया। ट्रांस वरुणा के लिए करीब 209 करोड़ रुपये व सिस वरुणा के लिए करीब 227 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित हुआ। वहीं, 50 हजार नए कनेक्शन व एक लाख 58 हजार घरों में वाटर मीटर लगाने के लिए करीब 111 करोड़ रुपये का बजट तय हुआ। वरुणापार इलाके में 13 हजार तो पुराने शहरी क्षेत्र में 38 हजार कनेक्शन करने थे। ट्रांस व सिस वरुणा की परियोजना वर्ष 2010 में प्रारंभ हो गई जिसे दो साल के अंदर पूरा करना था लेकिन नहीं हो सका। वक्त बीतने से लागत बढ़ गई और तीनों परियोजना का पुनरीक्षित बजट 700 करोड़ तक पहुंच गया। इस दरम्यान बसपा व सपा का कार्यकाल था।

छह करोड़ से होगा सर्वे

सिस वरुणा पेयजल योजना में पाइपों के बीच गैप को भरने का कार्य अगले चरण में होगा। इसके लिए सरकार की संस्था रिमोट सेंङ्क्षसग को जिम्मेदारी दी गई है। आधुनिक मशीनों ने जमीन के नीचे पाइपों में हुए गैप को ट्रेस कर उसे दुरुस्त किया जाएगा।

नगरीय पेयजल परियोजना

-03 चरणों में बना प्रोजेक्ट

-1000 करोड़ की लागत

-32 ओवरहेड टंकियां वरुणापार

-17 ओवरहेड टंकियां शहर में

-100 एमएलडी का सारनाथ डब्ल्यूटीपी

-50 हजार घरों में कनेक्शन व मीटर

108 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं

सिस वरुणा पेयजल योजना को जनोपयोगी बनाने के लिए 108 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। निविदा प्रक्रिया जारी है जो 31 जुलाई को खोली जाएगी। कंपनी तय कर कार्य अविलंब पूरा किया जाएगा।

- एके पुरवार, मुख्य अभियंता जल निगम


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