अब जूनियर हाईस्कूल खोलने की तैयारी, वाराणसी के डीआइओएस के माध्यम अभिभावकों का मांगा फीड बैक
लंबे समय के बाद विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के भी शैक्षिक अनुभाग खुल गए हैं। हालांकि जनपद के राज्य विश्वविद्यालयों में अभी आफलाइन पठन-पाठन नहीं शुरू हो सका है। जबकि माध्यमिक विद्यालयों कक्षा नौ से 12 तक पढ़ाई जारी है। अब जूनियर हाईस्कूल भी खोलने की तैयारी चल रही है।
वाराणसी, जेएनएन। लंबे समय के बाद विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के भी शैक्षिक अनुभाग खुल गए हैं। हालांकि जनपद के राज्य विश्वविद्यालयों में अभी आफलाइन पठन-पाठन नहीं शुरू हो सका है। जबकि माध्यमिक विद्यालयों कक्षा नौ से 12 तक पढ़ाई जारी है। छठ के बाद माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ी है। दूसरी ओर अब जूनियर हाईस्कूल भी खोलने की तैयारी चल रही है।
यूपी बोर्ड ने डीआइओएस के माध्यम से कक्षा छह से आठ की कक्षाएं शुरू करने के लिए अभिभावकों से फीड बैक मांगा है। वहीं अभी सिर्फ 25 फीसद अभिभावकों ने भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी है। देश के विभिन्न राज्यों में कोविड का बढ़ते सक्रमण को देखते हुए करीब 75 फीसद अभिभावकों ने स्वीकृति नहीं दी है। यूपी बोर्ड से संचालित जनपद में 406 माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें 31 राजकीय, 106 अशासकीय व 279 वित्तविहीन विद्यालय शामिल हैं। डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने बताया कि 50 विद्यालयों के अभिभावकों से फीड बैक मांगे गए थे। ज्यादातर अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। डीआइओएस ने बताया कि बोर्ड को अभिभावकों का फीड बैक भेज दिया गया।
विद्यापीठ स्नातक की कक्षाओं को लेकर संशय
जागरण संवाददाता, वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शैक्षिक अनुभाग 23 नवंबर से ही खुल गए है लेकिन पठन-पाठन अब तक नहीं शुरू हो सका है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागाध्क्षों, संकायाध्यक्षों व निदेशकों से प्रथम चरण में स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाएं 25 से शुरू करने का निर्देश दिया है। वहीं स्नातक स्तर की कक्षाओं की तिथि को लेेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है। दूसरी ओर परिसर में छात्रों की चहल-पहल बढ़ गई है।
प्रथम चरण में स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाएं आज से
छात्रहित को देखते हुए शासन ने कोविड-19 के प्रोटोकाल के संग उच्च शैक्षिक संस्थानों में शैक्षिक अनुभाग 23 नवंबर से आफलाइन कक्षाएं चलाने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी। विद्यापीठ ने चरणबद्ध तरीके से क्लास चलाने का निर्णय लिया है। कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रथम चरण में स्नातकोत्तर द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर की कक्षाएं चलाई जाएंगी। वह भी रोटेशन में विद्यार्थी बुलाए जाएंगे। स्नातक स्तर की कक्षाएं बाद में शुरू की जाएंगी। हालांकि जिन पाठ्यक्रमों में छात्रसंख्या कम है। विभागाध्यक्ष उन पाठ्यक्रमों की आफलाइन पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। एक बेंच पर एक या अधिक दो विद्यार्थी ही बैठेंगे ताकि शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके। दूसरी ओर विद्यापीठ प्रशासन का दावा है कि पीजी स्तर के कई कोर्स में मंगलवार से ही पढ़ाई शुरू हो गई है।
खतरा बढ़ा, सुरक्षा घटी
सूबे के विभिन्न राज्यों में कोविड संक्रमण का खतरा बढ़ा है। इसे देखते हुए सूबे में भी अब कोविड-19 की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अब कोरोना महामारी को लेेकर लोगों का डर कम हुआ है। इसके चलते लापरवाही भी बढ़ी है। स्कूल-कालेजों में भी अब पहले जैसी सजगता नहीं देखी जा रही है। छात्रों की उपस्थिति कम होने के बावजूद मानकों का उल्लंघन हो रहा है। डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने बताया कि सूबे के विभिन्न राज्यों में कोविड बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जनपद के विद्यालयों को भी शासन की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही पहले की तरह निरीक्षण शुरू किया जाएगा।