अब मध्याह्न भोजन थाली मशरूम भी, फिलहाल सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को एमडीएम परोसने की तैयारी
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अब मध्याह्न भोजन में बच्चों को मशरूम भी मिलेगा। प्रत्येक शुक्रवार को तहरी में बच्चों को मशरूम भी परोसने की तैयारी है। एनआरएलएम कृषि विभाग व जिला बेसिक विभाग विभाग के संयुक्त प्रयास से एमडीएम में मशरूम भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
वाराणसी , जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अब मध्याह्न भोजन में बच्चों को मशरूम भी मिलेगा। प्रत्येक शुक्रवार को तहरी में बच्चों को मशरूम भी परोसने की तैयारी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), कृषि विभाग व जिला बेसिक विभाग विभाग के संयुक्त प्रयास से एमडीएम में मशरूम भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
जौनपुर जनपद में सप्ताह में एक दिन बच्चों को मशरूम परोसा जा रहा है। बच्चे मशरूम काफी पसंद कर रहे हैं। इसे देखते हुए अगले सप्ताह में बनारस में भी मशरूम परोसने की तैयारी है। फिलहाल प्रत्येक शुक्रवार को मशरूम परोसा जाएगा। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में करीब 1.82 लाख बच्चे पंजीकृत है। ब्लाकवार बच्चों की औसत उपस्थिति का आंकड़ा जुटाया जा रहा है ताकि इसे मूर्त रूप दिया जा सके। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व कृषि विभाग मशरूम उपलब्ध कराएगा। दोनों विभागों को बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है। कहा कि फिलहाल एमडीएम के कन्र्वजन कास्ट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। भविष्य में आवश्यकतानुसार कन्र्वजन कास्ट बढ़ाया जा सकता है।
183 दिव्यांग बच्चों को मिला सहायक उपकरण
समग्र शिक्षा के तहत परिषदीय विद्यालयों के 183 दिव्यांग बच्चों को मुफ्त सहायक उपकरण उपलब्ध कराया गया। केशरीपुर स्थित ब्लाक संसाधन केंद्र पर आयोजित कैंप में एलिम्को कंपनी ने विद्यापीठ, आराजीलाइन्स व सेवापुरी विद्यापीठ, आराजीलाइन्स व सेवापुरी ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, बैसाखी, सीपी चेयर, श्रवण यंत्र सहित अन्य उपकरण वितरित किया गया। इस मौके पर समेकित शिक्षा के जिला समन्वयक त्रिलोकी शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
अब सभी विद्यालयों में लगेगा टाइल्स
ग्रामीण क्षेत्र के सभी परिषदीय विद्यालयों के फर्श पर टाइल्स लगवाने का लक्ष्य रखा गया है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों में टाइल्स लगवाने का अभियान छह मार्च से शुरू किया जा रहा है। वहीं 25 मार्च तक सभी विद्यालयों में टाइल्स व दिव्यांग टॉयलेट बनवाने का लक्ष्य रखा गया है।
बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि 833 विद्यालयों में टाइल्स लगवाने के लिए 23 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। वहीं ग्राम पंचायत निधि में 17 करोड़ रुपये अब भी शेष है। इस पैसे का उपयोग टाइल्स में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शेष राशि जिलाधिकारी ने जिला पंचायत निधि में स्वीकृत करने का आश्वासन दिए हैं।