अब संस्कृत भाषा में जियो टीवी लांच करने पर विचार, वर्चुअल क्लास और लाइब्रेरी भी होगी विकसित
रिलायंस जियो ने संस्कृत भाषा को और हाईटेक बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत संस्कृत के ऑडियो-वीडियो सहित अन्य सुविधाओं को लांच करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। रिलायंस जियो ने संस्कृत भाषा को और हाईटेक बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत संस्कृत भाषा में जियो टीवी, संस्कृत के ऑडियो-वीडियो सहित अन्य सुविधाओं को लांच करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। साथ ही देशभर के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों को रिलायंस जियो कनेक्टविटी से भी जोडऩे पर विचार कर रहा है। देश के संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ ऑनलाइन हुई बैठक में रिलायंस जियो के वाइस चेयरमैन बालसुब्रमण्यम अय्यर ने विश्वविद्यालयों को ई-सुविधाओं से जोडऩे का आश्वासन दिया। वहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में वर्चुअल क्लास, लाइब्रेरी व क्रीड़ा प्रांगण को राष्ट्रीय स्तर का विकसित करने में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने बताया कि वाइस चेयरमैन के नेतृत्व में गत वर्ष रिलायंस जियो की एक टीम विश्वविद्यालय भी आई थी। इस दौरान टीम ने क्रीड़ा प्रांगण, सरस्वती भवन पुस्तकालय स्थित पांडुलिपि प्रभाग सहित परिसर का भ्रमण किया था। निरीक्षण के दौरान टीम ने खेल मैदान को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की अनौपचारिक सहमति भी दी थी। इसके तहत उन्होंने एक बार फिर क्रीड़ा प्रांगण को विकसित करने का संकल्प दोहराया है। इसके लिए रिलायंस जियो टीम स्वयं विश्वविद्यालय आकर प्रस्ताव तैयार करेगी।
30 हजार वर्ग मीटर में फैला क्रीड़ा प्रांगण
क्रीड़ा प्रांगण 30 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। बीएचयू को छोड़कर इतना बड़ा खेल मैदान जनपद में किसी के पास नहीं है। आॢथक संसाधन की कमी के चलते खेल परिसर उपेक्षित पड़ा हुआ है। हालांकि एथलेटिक्स, फुटबॉल, क्रिकेट, कुश्ती, धनुर्विद्या आदि क्रीड़ाओं का प्रशिक्षण छात्रों को दिया जाता है। धनुर्विद्या में यहां के विद्यार्थी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक तक पहुंचे हैं।
इनकी रहीं उपस्थिति
ऑनलाइन बैठक में कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल के अलावा लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश पांडेय, सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. गोप बंधु मिश्र, कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के श्रीनिवास बरखेड़ी, डा. अनुला मौर्य, वीरनारायण पांडुरंगी, प्रो. हरिहर, ज्योतिष विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. राजा पाठक भी उपस्थित थे।