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वाराणसी जिला पंचायत के 128 ठीकेदारों को नोटिस, 2016 से 2017 के बीच कराए गए 422 कार्यों की जांच

जिला पंचायत की ओर से गांवों में हुए निर्माण कार्यों की जांच की आंच चार माह बाद ठीकेदारों पर आने लगी है। अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए 126 ठीकेदारों को नोटिस जारी किया गया है। चेताया गया है कि तत्काल कार्य पूरा कराएं वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 06:30 AM (IST)
वाराणसी जिला पंचायत के 128 ठीकेदारों को नोटिस, 2016 से 2017 के बीच कराए गए 422 कार्यों की जांच
अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए 126 ठीकेदारों को नोटिस जारी किया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। जिला पंचायत की ओर से गांवों में हुए निर्माण कार्यों की जांच की आंच चार माह बाद ठीकेदारों पर आने लगी है। अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए 126 ठीकेदारों को नोटिस जारी किया गया है। चेताया गया है कि तत्काल कार्य पूरा कराएं वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ आलम यह है कि 78 कार्य पूर्ण होने के बाद भी बहुतायत ठीकेदारों का भुगतान नहीं किया गया है।

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जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक दिसंबर 2016 से 08 अगस्त 2017 के मध्य कराए गए 422 कार्यों की जांच विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा कराई थी। इनकी जांच आख्या के आधार पर कार्यों में अनियमितता, खराब गुणवत्ता व अन्य कमियों के संबंध में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), नगर मजिस्ट्रेट एवं अधिशासी अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग की गठित संयुक्त टीम द्वारा परीक्षण कराया। इस टीम ने इस साल अगस्त में जारी रिपोर्ट में 70 कार्यों को अपूर्ण, भुगतान के सापेक्ष मौके पर सामग्री एवं व्यय का न होना, मानक के अनुरूप कार्य नहीं होना आदि बताया था। कार्य में मुख्य रूप से गांवों में इंटरलाङ्क्षकग, सीसी रोड, जलनिकासी को नाली, अंडर ग्राउंड सीवेज  समेत अन्य निर्माण शामिल हैं। टुकड़े टुकड़े में ठीकेदारों को कार्य दिए गए हैं।

जिलाधिकारी ने इसको गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत को जांच आख्या उपलब्ध कराए जाने के साथ ही निर्देशित किया था कि अधूरे कार्यों को एक माह के भीतर नियमानुसार पूर्ण कराया जाए। अनियमितता, गुणवत्ता खराब व मानक के अनुरूप कार्य न होने के मामले में रिकवरी कराई जाए। संबंधित ठीकेदार को ब्लैकलिस्टेड किया जाए। जो कार्य पूर्ण हैं, उनकी गुणवत्ता की जांच करते हुए नियमानुसार भुगतान कराया जाए। दोषी कार्मिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाए। बहरहाल, जिला पंचायत ने ठीकेदारों की पेंच कसी। बहुतायत काम हुए लेकिन सौ फीसद नहीं। चार माह बाद नोटिस जारी किया जा रहा है। वहीं ठीकेदार कार्यों की भुगतान को लेकर दौड़ लगा रहे हैं। ठीकेदारों का कहना है कि चार साल बीतने को हैं। भुगतान नहीं होगा तो शेष कार्य पर कैसे हाथ लगाएं। पता लगा कि कार्य करा दें और भुगतान फंस जाए। इसके लिए  कौन जिम्मेदारी लेगा।

ठीकेदारों की ओर से कराए गए कार्यों की जांच के बाद भुगतान के आदेश दिए गए हैं

ठीकेदारों की ओर से कराए गए कार्यों की जांच के बाद भुगतान के आदेश दिए गए हैं। भुगतान शीघ्र कराया जाएगा। अधूरे कार्यों को भी पूरा कराने को कहा गया है।

- अपराजिता सोनकर, जिला पंचायत अध्यक्ष

चार माह बाद की स्थिति

--422 में 218 कार्य पूरी तरह पूर्ण, जमानत राशि भी वापस

--ठीकेदारों की ओर से 78 कार्य कराए गए पूरे, भुगतान नहीं

--126 कार्य अभी अपूर्ण हैं, ठीकेदारों को थमाया गया नोटिस


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