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अभी तक नहीं मिली फरार संवासिनी, संरक्षण गृह के कर्मचारियों की लापरवाही से हुई घटना

फरार लड़की की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। वहीं गृह में लगे सीसीटीवी कैमरे भी पुलिस खंगाल रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:29 AM (IST)
अभी तक नहीं मिली फरार संवासिनी, संरक्षण गृह के कर्मचारियों की लापरवाही से हुई घटना
अभी तक नहीं मिली फरार संवासिनी, संरक्षण गृह के कर्मचारियों की लापरवाही से हुई घटना

वाराणसी, जेएनएन। जैतपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बागेश्वरी देवी मंदिर के समीप स्थित पाश्चात्यवर्ती देखरेख नारी संरक्षण गृह से सोमवार को दो संवासिनियों ने भागने की कोशिश की जिसमें से एक तो पकड़ी गई लेकिन दूसरी फरार हो गई। दोनों लड़कियां गृह की दीवार फांदकर भागी थीं। फरार लड़की की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। वहीं गृह में लगे सीसीटीवी कैमरे भी पुलिस खंगाल रही है। इस घटना से संवासिनी गृह की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि इस घटना में प्रथम दृष्टया संवासिनी गृह में तैनात कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है।

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उन्होंने बताया कि संवासिनी गृह अधीक्षक की ओर से घटना के वक्त तैनात सभी कर्मचारी व होमगार्ड्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया गया है। विभागीय कर्मचारियों को चार्टशीट भेजी गई है। कहीं न कहीं इस घटना में गृह में तैनात कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है। उन्होंने अपने काम में सक्रियता नहीं रखी। फरार लड़की की तलाश पुलिस कर रही है। हाल ही में उच्च न्यायालय ने सभी गृहों के सीसीटीवी कैमरे की जांच भी करवाई थी।

ये भी जानें

 लगभग 30 साल से किराए के मकान में संचालित है संवासिनी गृह, इसका किराया 200 रुपये महीना।

-छह सीसी टीवी कैमरे जो मुख्य द्वार सहित गृह के कंपाउंड व अलग-अलग स्थानों पर हैं।

-वर्तमान में 54 लड़कियां हैं जिनमें से एक अभी फरार है। बाकी लड़कियों में से 10 मानसिक रूप से पीडि़त, 17 बधिर, तीन दिव्यांग, एक संवासिनी की बेटी भी है। बाकी सामान्य।

-20 नवंबर 2019 को 23 संवासिनियों की शादी हुई थी। 

-नियमानुसार 12 होमगार्ड की ड्यूटी कागज पर है जिनमें छह महिला व छह पुरुष होने चाहिए। मगर वर्तमान में चार पुरुष व छह महिला हैं। हर माह इनकी ड्यूटी बदल दी जाती है।

-एक सफाईकर्मी और एक बाबू हैं।

- संवासिनियों के स्वास्थ्य जांच व इलाज के लिए हर गुरुवार को दो महिला चिकित्सक गृह में आती हैं।

-काफी समय से अधीक्षक का पद खाली है। फिलहाल गृह की नर्स सरोज सिंह अधीक्षक का प्रभार देख रही हैं।

-रसोईघर में दो संवासिनियों की ड्यूटी रहती है जिन्हें इसके लिए वेतन भी हर माह मिलता है। यह ड्यूटी बदलती भी है।

-संवासिनी गृह में बांग्लादेश, वर्मा, नेपाल आदि स्थानों की भी सवंासिनियां थीं जिन्हें हाल में उनके घर भेजा गया है। गृह में सुरक्षा की दृष्टि से कैमरे लगाए गए हैं जिनकी मानीटङ्क्षरग की जाती है।

-संवासिनियों को सिलाई, कढ़ाई, फैशन डिजाइनिंग, बेकरी आइटम आदि बनाने का प्रशिक्षण गृह में दिया जाता है।

-हाल ही में संवासिनियों के लिए स्वावलंबन नाम से बेकरी रेस्टोरेंट विश्वनाथ कारीडोर में खोला गया है।

-हर माह संवासिनी गृह में अधिकारियों का दल निरीक्षण करने आता है। इस दौरान सुरक्षा आदि की जांच भी करता है।

-जैतपुरा संवासिनी गृह आफ्टर केयर होम है जहां पर 18 वर्ष के ऊपर की लड़कियों को रखकर पुनवार्सित किया जाता है। इसमें उनके विवाह, रोजगार आदि के जरिए पुनर्वासन होता है।

-शिवपुर में भी एक गृह है जिसका नाम राजकीय महिला संरक्षण था। यहां पर अनैतिक देह व्यापार मामले में रेस्कयू की गई लड़कियों को रखा जाता था। मगर बाद में इसका नाम राज्य सरकार ने राजकीय महिला शरणालय घोषित कर दिया। फिलहाल यहां पर अभी कोई नहीं रहता है। केवल एक अधीक्षिका हैं स्टाफ नहीं है।


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