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क्लीन इंडिया मिशन : स्क्रैप निस्तारण में पूर्वोत्तर रेलवे अव्वल, पूर्वोत्तर रेलवे के इतिहास में नया रिकार्ड

वर्ष 2020-21 में रेलवे बोर्ड द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे को स्क्रैप बिक्री से 150 करोड़ रुपये प्राप्ति का लक्ष्य दिया गया। लक्ष्य से आगे बढ़कर स्क्रैप की बिक्री कर 229.5 करोड़ रुपये प्राप्त किया जो कि निर्धारित लक्ष्य से 53 प्रतिशत तथा गत वर्ष की तुलना में 86 प्रतिशत अधिक है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 01:28 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 01:28 PM (IST)
क्लीन इंडिया मिशन : स्क्रैप निस्तारण में पूर्वोत्तर रेलवे अव्वल, पूर्वोत्तर रेलवे के इतिहास में नया रिकार्ड
वर्ष 2020-21 में रेलवे बोर्ड द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे को स्क्रैप बिक्री से 150 करोड़ रुपये प्राप्ति का लक्ष्य दिया गया।

वाराणसी, जेएनएन। वर्ष 2020-21 में रेलवे बोर्ड द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे को स्क्रैप बिक्री से 150 करोड़ रुपये प्राप्ति का लक्ष्य दिया गया। पूर्वोत्तर रेलवे ने इस लक्ष्य से आगे बढ़कर स्क्रैप की बिक्री कर 229.5 करोड़ रुपये प्राप्त किया जो कि निर्धारित लक्ष्य से 53 प्रतिशत तथा गत वर्ष की तुलना में 86 प्रतिशत अधिक है। पूर्वोत्तर रेलवे के इतिहास में स्क्रैप निस्तारण का यह सर्वकालिक रिकार्ड है। वित्त वर्ष के आरम्भ से ही कोविड-19 का संक्रमण प्रारम्भ हो गया था। पूरे देष में लॉकडाउन घोषित किया गया। ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी यह उपलब्धि  एक बेहतरीन उदाहरण है। 

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’क्लीन इंडिया मिशन’ के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे पर 46 हजार मिट्रिक टन लौह धातु, 1800 मिट्रिक टन अलौह धातु, 19 पुराने वैगन, 58 पुराने कोच, 48 पुराने इंजन सहित 1700 निष्प्रयोज्य एवं परित्यक्त भवनों को निस्तारित किया गया। इन सामग्रियों के तीव्र निस्तारण से न केवल स्वच्छता में सुधार हुआ वरन् राजस्व में वृद्धि भी हुई। अनुपयोगी एवं काफी पुराने भवनों को बिना धवस्त किये नीलामी से रेल राजस्व की अतिरिक्त हुई है। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी स्क्रैप निस्तारण के लिये दिये गये अंक में पूर्वोत्तर रेलवे ने शत-प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।

वित्त वर्ष 2020-21 का आरम्भ से ही कोविड-19 के कारण पूर्णतया लॉक डाउन घोषित होने से यात्री सेवायें पूरी तरह रोक दी गयी, यद्यपि पर्याप्त आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति बनाये रखने के लिये माल यातायात चालू रखा गया परन्तु परम्परागत माल यातायात काफी कम हो जाने के कारण माल लदान बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस आपदा को एक अवसर के रूप में लेकर अनेक कदम उठायें गये । लोडिंग एवं अनलोडिंग के मामलों पर त्वरित निर्णय के लिये मंडल, मुख्यालय एवं रेलवे बोर्ड स्तर पर बिजनेस डेवलपमेन्ट यूनिट का गठन किया गया। नये माल यातायात जैसे कि बंग्लादेश एवं देश के अन्य भागों के लिये आटोमोबाइल ट्रान्सपोर्टेशन, एफ.एम.सी.जी. (मैगी) यातायात को रेलवे की ओर लाने में सफलता मिली। आटोमोबाइल लोडिंग में गत वर्ष की तुलना में 180 प्रतिषत की अप्रत्याशित वृद्धि हुई। टाटा एस. आटोमोबाइल को 21 एन.एम.जी रेकों से बंग्लादेष तथा 84 एन.एम.जी. रेकों से देश के विभिन्न भागों में भेजा गया। आटोमोबाइल यातायात की मांग को पूरा करने के लिये रेलवे प्रशासन द्वारा पुराने आई.सी.एफ. कोचों को एन.एम.जी.(न्यूली मोडिफाइड गुड्स) वैगनों परिवर्तित करने का कार्य पूरा किया। पूर्वोत्तर रेलवे पर 445 पुराने आई.सी.एफ. कोचों को एन.एम.जी. वैगन में परिवर्तित किया गया जो कि भारतीय रेल पर एक रिकार्ड है।

10 फीसद लदान अधिक

पूर्वोत्तर रेलवे पर वर्ष 2020-21 में माल लदान गत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक हुआ। यह उपलब्धि कोविड-19 के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्राप्त हुई। वित्त वर्ष के अंतिम माह मार्च में गत वर्ष मार्च की तुलना में 112 प्रतिशत अधिक माल लदान हुआ। इस दौरान 7015 क्रैक मालगाड़ियों का संचलन किया गया। मालगाड़ियों की औसत गति गत वर्ष के 25.58 किमी./घंटा से बढ़ा कर 46.66 किमी./प्रतिघंटा की गयी। माल यातायात में वृद्धि हेतु वी.डी.यू. टीमों द्वारा स्थानीय व्यवसायियों से सम्पर्क किया गया तथा उनकी आवश्यकतानुसार माल गोदामों में सुधार एवं विस्तार किया गया। दो बड़े मालगोदाम- एक लखनऊ के निकट बक्शी का तालाब स्टेशन पर तथा दूसरा नेपाल सीमा पर स्थिति नौतनवा स्टेशन को आटोमोबाइल ट्रैफिक के उपयुक्त बनाया गया है।


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